जो बोलते, वो करने भी दिखाते है, गडकरी नागपुर को नंबर-1 बनाने में जुटे
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    नागपुर. केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि जितनी प्राणवायु की जरूरत है उतनी ही जरूरत बिजली के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने की है. इसी तरह सोलर ऊर्जा को अधिक प्रोत्साहन देकर महावितरण का 24 फीसदी वितरण नुकसान कम करने की जरूरत है. वे सेंट्रल पावर रिसर्च इंस्टीट्यूट की ओर से आयोजित ऊर्जा महोत्सव के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि पानी, बिजली, सड़क और संवाद ये चार चीजें जहां होंगी, वहां उद्योग आएगा और रोजगार निर्माण होगा और उस इलाके की गरीबी दूर होगी.

    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में प्रत्येक गांवों में बिजली पहुंचाने का निर्णय लिया. मेलघाट व गडचिरोली के कुछ गांवों में आज भी बिजली नहीं पहुंची है. हर गांव में बिजली पहुंचेगी तो वहां नागरिकों के जीवन में बड़ा बदलाव होगा. इस अवसर पर विधायक कृष्णा खोपड़े, पूर्व मेयर दयाशंकर तिवारी, महावितरण के प्रादेशिक संचालक दिलीप दोडके, अधीक्षक अभियंता परांजपे व अन्य अधिकारी उपस्थित थे. 

    पर्यायी संसाधनों का उपयोग 

    गडकरी ने कहा कि देश में चलने वाले सभी जनरेटर अब इथेनॉल पर चलना चाहिए. बिजली वितरण हानि कम करने, सोलर ऊर्जा को प्रोत्साहन देने, जैविक ईंधन और इलेक्ट्रिक ईंधन का उपयोग हुआ तो ही भविष्य में हम ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो सकते हैं. देश में आज 19 लाख करोड़ का ईंधन आयात किया जता है.

    महानिर्मिति के कोल प्लांट पुराने हो गए हैं जिसके चलते बिजली की लागत बढ़ जाती है. आगे थर्मल पावर प्लांट तैयार करना या नहीं, इस पर चर्चा शुरू है. अगर कोल खदानों के समीप ही बिजली प्रकल्प लगे तो ट्रांसपोर्ट का खर्च बचेगा और सस्ती बिजली मिलेगी. बिजली पंप और 45 हजार करोड़ रुपयों का बकाया कैसे कम किया जा सकता है यह सोचना होगा. उन्होंने कहा कि किसानों को सुबह 8 से शाम 5 बजे तक बिजल मिली तो सिंचाई क्षेत्र में बढ़ोतरी होगी.