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    नागपुर. ड्रग्स की तस्करी रोकने के लिए और युवा पीढ़ी को इससे दूर रखने के लिए राज्य सरकार द्वारा टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा. इसी तरह से मादक पदार्थ विरोधी विभाग का विकेंद्रीकरण कर उसे सक्षम बनाने का प्रयास होने की जानकारी भी विधानसभा में उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने दी.

    विधानसभा सदस्य सुनील प्रभु ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से सदन में मुद्दा उठाया. जवाब देते हुए फडणवीस ने कहा कि युवा पीढ़ी को ड्रग्स की चंगुल से बचाने के लिए अलग-अलग स्तर पर कार्य करना जरूरी है. देश के भीतर ड्रग्स आने से पहले ही उन्हें पोर्ट पर रोकने के लिए केंद्र के नार्कोटिक्स विभाग और राज्य के मादक पदार्थ विभाग द्वारा प्रयास किया जा रहा है. जेएनपीटी पर जांच के लिए कड़ी यंत्रणा तैयार की जा रही है. 

    अब तक 4,928 करोड़ का ड्रग्स जब्त

    चर्चा का जवाब देते हुए फडणवीस ने कहा कि अब तक इस वर्ष में 4,928 करोड़ का ड्रग्स जब्त किया जा चुका है. मेडिकल दूकानों से प्रिस्क्रिप्शन के अलावा कफ सिरप नहीं दिया जाना चाहिए. ड्रग्स की तस्करी के लिए अलग-अलग तरह की योजनाएं आरोपियों की ओर से बनाई जाती हैं.

    इस संदर्भ में भी पुलिस को सतर्क रहकर कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं. केवल ड्रग्स पैडलर को गिरफ्तार करना, इस मसले का कोई हल नहीं है. हाल ही में मुंबई धारावी में इस तरह की कार्रवाई की गई थी. जिसमें ड्रग पैडलर की खबर लगने के बाद उसके माध्यम से तस्कर तक पहुंचना संभव हो सका था. पुलिस ने पूरे रैकेट को ही गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की थी. 

    केंद्र ने अपनाई जीरो टॉलरेंस पॉलिसी

    फडणवीस ने कहा कि केंद्र सरकार ने इस संदर्भ में जीरो टॉलरेंस पॉलिसी अपना रखी है. यही कारण है कि केंद्र और राज्य सरकार के विभागों को मिलकर कार्रवाई करना है. अब जिलाधिकारी को भी जिला स्तर पर विभागों की बैठक लेकर कार्रवाई का लेखाजोखा रखना है. इसी तरह से राज्य स्तर पर भी कमेटी है. भविष्य में अब कड़ी कार्रवाई होगी. चर्चा के दौरान विधायकों का मानना था कि कुछ मामलों में तो अब पुलिस के खबरियों द्वारा ही इस तरह का काम किए जाने के मामले उजागर हो रहे हैं. जिससे पुलिस को अपनी रणनीति बदलनी होगी. खबरियों का जाल बिछाना होगा. जिनके माध्यम से पूरा रैकेट पकड़ा जा सकता है.