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नागपुर. जिस एमकेसीएल को भुगतान की वजह से पूर्व उपकुलपति प्रा.सुभाष चौधरी को कुर्सी खाली करनी पड़ी है, वहीं मामला शुक्रवार को फिर से सीनेट सभा में गूंजा. सदस्यों ने सवाल पूछा कि जब एमकेसीएल ने खुद ही कार्य करने में उपयुक्त नहीं होने की बात कही थी तो फिर उसे 1,37,59,954 रुपये का भुगतान क्यों किया गया. मामले की जांच के लिए फिर से कमेटी बनाने की मांग की गई, जिस पर उपकुलपति ने प्रबंधन परिषद के फैसलों का अवलोकन तथा अवगत होने के बाद निर्णय लेने का आश्वासन दिया. प्रश्नोत्तर के दौरान विवि की ओर से बताया गया कि विवि ने एमकेसीएल को 21 जनवरी 2021 को परीक्षा पूर्व कार्य के लिए 1,37,59,954 रुपये दिये. एड. मनमोहन बाजपेयी ने पूछा कि 2021 से पहले एमकेसीएल पर कोई कार्रवाई हुई थी.

इस बार परीक्षा मंडल संचालक प्रा.प्रफुल साबले ने बताया कि 2016 में कुछ शिकायतों के कारण ठेका रद्द किया गया था. बाद में नये टेंडर की कार्यवाही की गई, लेकिन कंपनी को ब्लैक लिस्ट नहीं किया गया था. उक्त निधि कंपनी का फाइनल बिल था. बाजपेयी ने कहा कि जब कंपनी ने पैसे ही नहीं मांगें थे तो फिर क्यों दिये गये. इस पर विवि के वित्त व लेखा अधिकारी ने बताया कि 10 नवंबर 2020 को प्रबंधन परिषद में एक प्रस्ताव रखा गया था. यह प्रस्ताव परीक्षा विभाग की ओर से ही रखा गया था.

विष्णु चांगदे ने बताया कि कंपनी ने 2020 के बाद खुद ही काम करने में सक्षम नहीं होने की बात कही थी. प्रबंधन परिषद में यह मुद्दा 2-3 बार रखा गया. रकम नहीं देने संबंधी निर्णय के बाद भी विवि ने बिल अदा किये. इस मामले की निष्पक्ष जांच की जाये. इस पर उपकुलपति ने बताया कि प्रबंधन परिषद के फैसलों के बारे में अवलोकन करने के बाद जांच समिति गठित करने के बारे में निर्णय लिया जाएगा.

देवलापार में आदिवासी अध्ययन, विकास केंद्र 

सदस्य दिनेश शेराम के सवाल पर बताया गया कि देवलापार में आदिवासी अध्ययन व कौशल विकास केंद्र के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा गया है. अनुदान प्राप्त होते ही केंद्र स्थापित किया जाएगा. इस पर प्रशासन की ओर से राजेश सिंह ने बताया कि सरकार ने प्रस्ताव को मंजूर दी है. साथ ही 11.40 करोड़ मंजूर किये है लेकिन निधि अब तक मिली नहीं है. उपकुलपति ने कहा कि उक्त मामले को प्रबंधन परिषद की बैठक में रखे. जब तक सरकार से निधि नहीं मिलती, तब तक विवि जनरल फंड से खर्च करें. सेंटर जून तक शुरू हो सके, प्रशासन इस दिशा में कार्य करे.