कोर्ट के आदेश के बाद वॉकहार्ट अस्पताल के खिलाफ केस दर्ज

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    नाशिक : कोरोना पीड़ित (Corona Victims) को दवा की जरूरत न होने के बाद भी आर्थिक लाभ (Financial Benefit) के लिए अलग-अलग दवाई (Medicine) देकर लापरवाही से पीड़ित पर उपचार कर रिश्तेदारों के साथ आर्थिक धोखाधड़ी (Fraud) की। इसके चलते पीड़ित की मौत हो गए। इस मामले में न्यायालय (Court) द्वारा दिए गए आदेश के बाद मुंबई पुलिस स्टेशन (Mumbai Police Station) ने वॉकहार्ट अस्पताल (Wockhardt Hospital) के प्रतिनिधि सहित सुदर्शना पाटिल के खिलाफ अपहार, धोखाधड़ी और पीड़ित की मौत के लिए जिम्मेदार होने का मामला दर्ज किया है। 

    आर्थिक लाभ के लिए तरह-तरह की दवाएं देकर उपचार करते 

    राहुल प्रकाश बोराडे (31) (दामोदर नगर, पंचक, जेल रोड) द्वारा दर्ज की गई शिकायत के अनुसार 12 से 28 अगस्त 2020 के दरमियान वडाला नाका स्थित वॉकहार्ट अस्पताल में उनके पिता प्रकाश दामोदर बोराडे (62) कोरोना संक्रमित होने के बाद उपचार के लिए दाखिल किया गया। वॉकहार्ट अस्पताल प्रशासन की अधिकृत प्रतिनिधि सहित सुदर्शना पाटिल (वाणी हाउस, वडाला नाका) ने सांठ गांठ कर राहुल बोराडे का विश्वास जीतते हुए उनके पिता को दवा की जरूरत न होने के बाद भी खुद के आर्थिक लाभ के लिए अलग-अलग दवाई देकर उपचार किए। साथ ही प्रकाश बोराडे को जो दवा नहीं दी उसका भी बिल लगाते हुए आर्थिक धोखाधड़ी की। अस्पताल की लापरवाही के चलते प्रकाश बोराडे की मौत हो गई। इसके बाद मेडिकल बिल के रूप में संदिग्धों ने इन्शुरन्स कंपनी से 5 लाख, राहुल बोराडे से 4 लाख रुपए ऑनलाइन और नगद लेकर धोखाधड़ी की। संदिग्धों ने उपचार के लिए प्लाझ्मा की जरूरत होने की बात की। 

    इसके तहत राहुल ने दो प्लाझ्मा बैग उपलब्ध दी। परंतु संदिग्धों ने प्रकाश बोराडे को प्लाझ्मा देने की झुटी बात दर्ज कर प्रति बैग 30 हजार ऐसे कुल 60 हजार रुपए मेडिकल बिल से वसूल किए। पिता का अंतिम संस्कार (Funeral) करने के बाद राहुल बोराडे ने इस मामले को लेकर न्यायालय में न्याय के लिए गुहार लगाते हुए संदिग्धों (Suspects) के खिलाफ शिकायत (Complaint) की। सुनवाई के बाद न्यायालय ने मुंबई नाका पुलिस को अपहार, धोखाधड़ी, मौत के लिए जिम्मेदार होने का मामला दर्ज करने के आदेश दिए। इसके तहत मुंबई नाका पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है। इस घटना से वॉकहार्ट अस्पताल बदनाम हो गया है।