सटाणा. बागलाण तहसील (Baghlan Tehsil) में कोरोना संक्रमण (Corona Infection) ने हाहाकार मचा रखा है। अब तक 12 मरीजों की उपचार के दौरान मौत (Death) हो चुकी है। एक्टिव मरीजों का आंकड़ा 1317 तक पहुंच गया है। कुल मिलाकर तहसील के 171 गांवों में से 101 गांव कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए हैं।
यदि नागरिकों ने कोरोना नियमों का पालन नहीं किया तो बागलाण में कोरोना का कहर और भी बढ़ने की संभावना व्यक्त की जा रही है। बागलाण तहसील में कुल 132 ग्राम पंचायत और उसके अंतर्गत 171 गांव हैं। कोरोना की पहली लहर में अधिक आबादी वाले गांवों में संक्रमण देखा गया था। विशेष यह है कि पश्चिम आदिवासी पट्टा और ग्रामीण क्षेत्र की कम आबादी वाले गांव कोरोना से दूर थे।
बाहरी लोगों के प्रवेश पर पाबंदी
कोरोना की दूसरी लहर में मार्च माह के 15 दिनों में 101 गांवों में कोरोना का संक्रमण फैल गया है। इसमें ग्रामीण क्षेत्र के 90 प्रतिशत गांव शामिल हैं। कोरोना मुक्त गांवों में सख्त नियम लगाए गए हैं। पश्चिम क्षेत्र के गांवों ने बाहर से आने वाले नागरिकों पर पाबंदी लगा दी है। कोरोना संक्रमण न होने वाले गांवों में भडाणे, कोलीपाड़ा, कातरवेल, दोधनपाड़ा, भीलवाड़, दसाणे, भवाड़े, मानूर, साल्हेर और साल्हेर के 8 पाड़े, सालवण, पठावे दिगर, भिलदर, पिसोरे, मानूर और मानूर के 12 पाड़े, गव्हानेपाड़ा, साकोडे, सरवर, वाडीचौल्हेर, जाड़, गोलवाड़, बोरदैवत, हातनूर आदि शामिल हैं।
एक हजार आबादी वाले भडाणे गांव में नियमों का सख्ती से पालन हो रहा है। मास्क का उपयोग न करने वालों से 200 रुपए दंड वसूला जा रहा है। अब तक 7 नागरिकों पर कार्रवाई की गई है।
-प्रमोदिनी भामरे, सरपंच
कोरोना मुक्त गांव कैसे रहेगा? इस बारे में उपाय योजना की जा रही है। भडाणे गांव में 4 दिनों के बाद दवा का छिड़काव किया जा रहा है। हाथ साफ करने के लिए हर एक परिवार में 15 दिनों में साबुन और सेनिटाइजर का वितरण किया जा रहा है। सरकार द्वारा लागू किए गए नियमों का सख्ती से पालन करने के लिए गश्ती पथक तैयार किए गए हैं।
-आशीष कोठावदे, ग्रामसेवक