गोदावरी के तट पर गंदगी का आलम, ध्यान नहीं दे रहा प्रसाशन

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    नाशिक : मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की नगरी नाशिक में बहने वाली पुण्यसलिला गोदावरी नदी (Godavari River) में हर कोई डुबकी लगाना चाहता है। गोदावरी नदी को स्थानीय लोग गंगा कहते हैं। नदी के घाट (Ghat) पर हर दिन हजारों लोगों की भीड़ उमड़ती है। कोई यहां पर्यटन के लिए आता है, तो कोई यहां पर स्थित मंदिरों में भगवान के समक्ष मत्था नवाने आता है। कोई अपने पाप धोने के लिए गोदावरी में डुबकी लगाने के लिए आता है तो कोई अस्थि विसर्जन के लिए गोदावरी घाट पर आता है, लेकिन गोदावरी के तीर पर आने वाले किसी भी व्यक्ति को गोदावरी के तट पर मौजूद गंदगी की जरा सी भी चिंता नहीं रहती। गटर का गंदा पानी (Dirty Water) गोदावरी (गंगा) में न जाने कब से समाहित हो रहा है। 

    जगह-जगह फैली है गंदगी

    गोदावरी नदी के कारण बहुत से परिवार की उदर पूर्ति होती है, उसके तटकर बैठक कर हजारों दुकानदार अपना-अपना व्यवसाय करते हैं, वर्षो से यह सिलसिला चला आ रहा है। कोई गंदगी फैला है। तो कोई यहां-वहां थूक रहा है, कहीं मवेशी घूम रहे हैं, हर ओर गंदगी ही गंदगी ही फैली हुई है। इस गंदगी को देखकर गोदावरी नदी के आसपास रहने वालों से स्वयं गोदावरी नदी यह कह रही है कि जरा फिक्र को करो मेरी। 

    गोदावरी हमारी, आपकी, हम सब की है

    नदी की स्वच्छता सभी की जिम्मेदारी है, न तो अकेले जिला प्रशासन गोदावरी नदी को स्वच्छ रख सकता है और ही स्थानीय लोग अपने बूते पर नदी को स्वच्छ सुंदर रख सकते हैं। गोदावरी हमारी, आपकी, हम सभी की है, इसलिए गोदावरी तीरे जिनका भी निवास है, वे अपनी गंगा के जल को इतना निर्मल बनाए कि गोदावरी नदी का पूरा तट स्वच्छता का लिबास पहने हुए दिखाई दे।