सरपंच
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नासिक: गांव में महिला सरपंचों के मामले में उनके पतियों और रिश्तेदारों के दखल को लेकर काफी हंगामा हो रहा है। लेकिन अब ग्राम पंचायतों के प्रबंधन पर महिला सरपंचों के पतियों या रिश्तेदारों के नियंत्रण पर लगाम लगेगी। इस संबंध में सरकार ने ग्राम पंचायतों के लिए नया आदेश जारी किया है। इस तरह की मनमानी और पतियों द्वारा ग्राम पंचायत की लूटपाट की बात सामने आने पर कार्रवाई का आदेश दिया गया है।

सरकार के संज्ञान में आया है कि जिला परिषद के विभिन्न अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ संबंधित जिला परिषद अधिकारियों, सदस्यों एवं उनके रिश्तेदारों द्वारा अपमानजनक व्यवहार किया जा रहा है। पदाधिकारियों को अपना काम स्वयं करना चाहिए, ताकि जिला परिषद के विकास कार्य तेजी से हो सकें। 
 
 
उनके करीबी रिश्तेदारों को ऑफिस के काम में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। ग्रामीण विकास और जल संरक्षण विभाग ने 6 जुलाई, 2023 को जिला परिषद पंचायत समिति और ग्राम पंचायत कार्यालयों के लिए आचार संहिता लागू करने का निर्णय लिया था ताकि अधिकारी या सरपंच महिला के रिश्तेदार ग्राम पंचायत के कामों में हस्तक्षेप न करें।
 
उस आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में, महाराष्ट्र जिला परिषद, पंचायत समिति (पीठासीन पदाधिकारी) को जिला परिषद और पंचायत समिति में पदाधिकारियों के खिलाफ और ग्राम पंचायत सदस्यों  के रिश्तेदारों द्वारा दुर्व्यवहार के मामले में कार्रवाई करने का पावर दिया गया है। कदाचार के मामले में जांच के बाद सरपंच, उपसरपंच और सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार विभागीय आयुक्त को दिया गया है।

इस पृष्ठभूमि में, एक नया सरकारी आदेश जारी किया गया है ताकि महिला सरपंचों के पति या रिश्तेदार कार्यालय के काम में हस्तक्षेप न करें। मुख्य रूप से सरपंच महिला या पुरुष कम पढ़े-लिखे होने या बाहर जाने के आदी न होने के कारण वहां के मामलों में अन्य लोग हस्तक्षेप करते हैं। अगर पति या रिश्तेदार इस तरह से महिलाओं के मामले में दखल दे रहे हैं तो सरकार ने आदेश में उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी दी है।

ग्राम पंचायतों में सरपंच पति हस्तक्षेप बंद
स्थानीय निकाय चुनावों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की गई है। इसलिए कई जगहों पर सरपंच के पद महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। ऐसे में पत्नी को चुनाव के लिए नामांकित किया जाता है। पति ही सारा कामकाज देखते हैं। पतियों या रिश्तेदारों के हस्तक्षेप के खिलाफ कई विरोध प्रदर्शन हुए है। अत: महिला आरक्षण का उद्देश्य सार्थक नहीं रहा।  इस मामले को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने महिला सरपंच के पति या अन्य रिश्तेदारों द्वारा ग्राम पंचायत के मामलों में हस्तक्षेप करने पर संबंधित के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का प्रावधान किया है। इसलिए भविष्य में महिला सरपंचों के पतियों की बदनामी कम होगी।

ग्राम सभा में बैठते हैं महिला सरपंच के पति
ग्राम सभा में भी महिला सरपंच के पति या रिश्तेदार आगे की कुर्सी पर बैठते हैं। ग्राम पंचायत में लिए गए प्रस्तावों पर निर्णय भी सरपंच पति ही लेते हैं। कुछ जगहों पर पति बैठकों में बैठते हैं। यह अब बंद होने वाला है। साथ ही उनके रिश्तेदार सरपंच के कमरे में नहीं बैठ सकते या वहां बैठकर किसी फैसले पर चर्चा नहीं कर सकेंगे।