no Water supply
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    नाशिक : शहर (City) को जलापूर्ति (Water Supply) करने वाले गंगापुर (Gangapur), मुकणे (Mukne) और दारणा बांध (Darna Dam) में पर्याप्त पानी होने से नाशिक वासियों (Nashik Residents) को इस साल जल कटौती (Water Cut) का सामना नहीं करना होगा। लेकिन नाशिक पूर्व सहित कुछ प्रभागों में कम दबाव से जलापूर्ति होने से गर्मी के दिनों में नागरिकों को जल किल्लत का सामना करना पड़ रहा है।

    प्रभाग क्र. 23, 30, 31 में गंगापुर और मुकणे इन दो जगह से जलापूर्ति होती है, जो कम दबाव से होने की बात जलापूर्ति विभाग ने मान्य की है। दूसरी ओर चिलचिलाती गर्मी से शहर में पानी की मांग बढ़ गई है। 1 अप्रैल से जलापूर्ति में 6 एमएलडी से (दशलक्ष लिटर) बढ़ोतरी हुई है। हर दिन पानी का उपयोग 547 एमएलडी तक पहुंच गया है। नाशिक शहर को प्रमुख रूप से गंगापुर बांध समूह, मुकणे बांध और कुछ मात्रा में दारणा बांध से जलापूर्ति होती है, जिसमें 80 प्रतिशत जलापूर्ति गंगापुर बांध, 20 प्रतिशत जलापूर्ति मुकणे और दारणा समूह से होती है। मुकणे जलशुद्धीकरण केंद्र से सिडको, पाथर्डी फाटा और इंदिरानगर के कुछ परिसर को जलापूर्ति होती है।

    शेष शहर को गंगापुर बांध से जलापूर्ति होती है। हर साल बारीश का समय छोड़कर 15 अक्टूबर से 31 जुलाई के बीच नाशिकवासियों को पीने के पानी का आरक्षण इस बांध से किया जाता है। पिछले साल नाशिकवासियों के लिए पीने पानी की जरूरत को ध्यान में रखते हुए महानगरपालिका ने गंगापुर बांध समूह से 4 हजार दशलक्ष घनफूट, मुकणे बांध से 1500 तो दारणा बांध से 100 दशलक्ष घनफूट पानी आरक्षण की मांग जल सिंचाई विभाग से की थी।

    बांधों में पर्याप्त जल होने से जल कटौती नहीं की जाने वाली

    पालकमंत्री छगन भुजबल की अध्यक्षता में जिलाधिकारी कार्यालय में हुई पानी आरक्षण बैठक में महानगरपालिका की पानी आरक्षण की मांग मंजूर की गई थी। इस साल बांधों में पर्याप्त जल होने से जल कटौती नहीं की जाने वाली है। दूसरी ओर शहर के कुछ प्रभागों में गर्मी के सत्र में जलापूर्ति खंडित हो गई है। नाशिक पूर्व के प्रभाग क्र. 23, 30 और 31 में कम दबाव से जलापूर्ति हो रही है। आखरी परिसर में पानी न पहुंचने से नागरिकों को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है। पुराने नाशिक और पंचवटी के कुछ परिसर में भी कम दबाव से जलापूर्ति हो रही है।

    बढ़ी पानी की मांग

    इस बार अप्रैल माह में गर्मी का प्रकोप बढ़ गया है। अप्रैल माह में ही मई माह की तरह तापमान होने से शहर में पानी का उपयोग बढ़ गया है। पानी की मांग बढ़ने से जलापूर्ति विभाग द्वारा बांधों से पानी लेने का प्रतिशत भी बढ़ गया है। 1 अप्रैल से पहले शहर में हर दिन 541 एमएलडी पानी की आपूर्ति की जा रही थी, जिसमें 6 एमएलडी से बढ़ोतरी हुई है। इसके चलते हर दिन 547 एमएलडी पानी की आपूर्ति करनी पड़ रही है।

    नाशिक पूर्व के कुछ प्रभागों में दो जगह से जलापूर्ति होने से समस्या निर्माण हो रही है। पहले चरण में अतिरिक्त पानी का उपयोग होने से आखरी परिसर में कम दबाव से जलापूर्ति हो रही है, जिसे हल करने का प्रयास किया जा रहा है। साथ ही पाइप लाइन लिकेज के चलते आखरी परिसर में कम दबाव से जलापूर्ति हो रही है।

    - शिवाजी चव्हाणके, अधीक्षक अभियंता, जलापूर्ति विभाग, महानगरपालिका