बैलगाड़ी दौड़ भारतीय संस्कृति का वैभव : प्रकाश  जावड़ेकर

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    पिंपरी : महाराष्ट्र (Maharashtra) की बैलगाड़ी दौड़ (Bullock Cart Race) भारत का सांस्कृतिक (Culture) वैभव है। कुछ विदेशी विचार प्रवृत्तियाँ इस वैभव पर अंकुश लगाने का प्रयास कर रही हैं। हालांकि कोर्ट में हमारी लड़ाई सफल रही। इस बैलगाड़ी संस्कृति को बनाए रखना और पोषित करना चाहिए। पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javadekar) ने  पिंपरी-चिंचवड (Pimpri-Chinchwad) में यह भी कहा कि इसके लिए कोर्ट के नियमों का पालन किया जाना चाहिए।

    बीजेपी शहर अध्यक्ष और विधायक महेश लांडगे की पहल से पूर्व महापौर राहुल जाधव और पूर्व महापौर नितिन कलजे ने टालगांव चिखली के रामायण मैदान में भारत की सबसे बड़ी बैलगाड़ी दौड़ का आयोजन किया है। पांच दिवसीय दौड़ के तीसरे दिन को पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और राज्य के पूर्व मंत्री सदाभाऊ खोत ने दौरा किया। इस अवसर पर जिले से बड़ी संख्या में बीजेपी पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे।

    महाराष्ट्र में छकड़ा देश में ग्रामीण संस्कृति की शान

    प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि जब मैं केंद्रीय पर्यावरण मंत्री था तो देश में बैलगाड़ी दौड़ शुरू करने के लिए अध्यादेश जारी किया गया था। हालांकि, कुछ पशु कल्याण संगठन अदालत गए लेकिन, हम विधायक महेश लांडगे और बैलगाड़ी संगठनों के माध्यम से अदालती लड़ाई जीत गए। किसान जैसे बैलों को दौड़ाता है, वैसे बीमारी में उनकी देखभाल भी करता है। तमिलनाडु में जलीकट्टू और कर्नाटक में बैलगाड़ी दौड़ को कंबाला कहा जाता है। इसी तरह महाराष्ट्र में छकड़ा देश में ग्रामीण संस्कृति की शान है। जावड़ेकर ने इस गौरव को बनाए रखने के लिए अपने ईमानदार प्रयासों के लिए विधायक लांडगे की भी सराहना की।

    महेश लांडगे ने महाराष्ट्र के किसानों को न्याय दिलाया 

    बैलगाड़ी किसानों की संस्कृति है। महाराष्ट्र के पुत्र प्रकाश जावड़ेकर दिल्ली की गद्दी पर बैठकर सह्याद्री के किसानों के समर्थन में खड़े रहे। दूसरी ओर बैलगाड़ी दौड़ पर प्रतिबंध के बाद विधायक महेश लांडगे ने अथक परिश्रम किया। विधानसभा में बिल पेश किया गया। दौड़ पर से प्रतिबंध हटा लिया गया और फिर से उच्च न्यायालय, सर्वोच्च न्यायालय में लड़ाई उठाई गई। महेश लांडगे ने महाराष्ट्र के किसानों को न्याय दिलाया। इतना ही नहीं, उन्होंने भारत में सबसे बड़ी बैलगाड़ी दौड़ का आयोजन कर सही मायने में किसानों का सम्मान भी किया, ऐसा पूर्व राज्य मंत्री सदाभाऊ खोत ने कहा।