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पुणे: निवासी संपत्तियों (Property) पर भरे जानेवाले कर में पुणेकरों ( Punekar) को फिर से 40 फीसदी छूट मिलेगी। आगामी कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाएगी। ऐसा निर्णय मुंबई (Mumbai) में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (CM Eknath Shinde) द्वारा ली गई बैठक में लिया गया। राज्य सरकार ने 1970 से पुणेवासियों को प्रापर्टी टैक्स (Property Tax) में दी जाने वाली 40 प्रतिशत की छूट को वापस लेने का फैसला किया था। इसलिए इस टैक्स की वसूली 2019 से शुरू हो गई थी। इस मामले में बकाया राशि दिखाकर  97 हजार 500 नागरिकों को पुणे महानगरपालिका ने नोटिस जारी किया था। भविष्य में इस नियम से कम से कम छह लाख प्रापर्टी धारक प्रभावित होने वाले थे। इसके कारण पुणेकर राज्य सरकार और महानगरपालिका प्रशासन से नाराज थे।

प्रापर्टी टैक्स को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की उपस्थिति में मुंबई में बैठक हुई। इसमें उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, पालकमंत्री चंद्रकांत पाटिल, आबकारी मंत्री शंभुराज देसाई, विधायक सुनील टिंगरे, चेतन तुपे, सिद्धार्थ शिरोले, माधुरी मिसाल, पुणे शिवसेना शहर अध्यक्ष प्रमोद भानगिरे, पुणे महानगरपालिका कमिश्नर आयुक्त विक्रम कुमार, टैक्स विभाग प्रमुख अजीत देशमुख आदि उपस्थित थे। जिसमें फैसला किया गया है कि आगामी कैबिनेट बैठक में 40 प्रतिशत छूट के प्रस्ताव को मंजूरी दी जाएगी।  

मुंबई में हुई बैठक

राज्य के मौजूदा बजट अधिवेशन में 40 प्रतिशत छूट का मुद्दा पुणे के विधायकों द्वारा उठाया गया था। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) विधायक सुनील टिंगरे और चेतन तुपे द्वारा विधानमंडल की सीढ़ियों पर आंदोलन कर इस रियायत को फिर से लागू करने की मांग की थी। इसके साथ ही कसबा पेठ से नवनिर्वाचित विधायक रवींद्र धंगेकर ने विधानसभा के पटल पर प्रापर्टी टैक्स में 40 फीसदी छूट फिर से लागू करने की मांग की  थी। इस चर्चा में मुख्यमंत्री ने अगले हप्ते होनेवाली बैठक में निर्णय का आश्वासन दिया था। इसी के तहत मुंबई में हुई बैठक में अगले कैबिनेट बैठक में इस रियायत को मंजूरी देने का निर्णय़ लिया गया।

500 वर्ग फुट वाले मकानों का टैक्स माफ करो: विधायक धंगेकर

मुंबई की तर्ज पर पुणे में भी 500 वर्ग फुट वाले घरों पर टैक्स माफ करने की मांग कसबा पेठ से नवनिर्वाचित विधायक रवींद्र धंगेकर ने की है। इस संबंध में हाल ही में धंगेकर ने पुणे महानगरपालिका कमिश्नर विक्रम कुमार से मुलाकात की थी। अब इस मामले में धंगेकर ने सदन का ध्यान आकर्षित किया है।