Wine Policy
File Photo

    Loading

    पुणे: सुपर मार्केट (Super Market) में वाइन (Wine) बिक्री का हर स्तर पर विरोध हो रहा है। अब पुणे जिले (Pune District) के दौंड तालुका के पारगांव ग्राम पंचायत (Pargaon Gram Panchayat) के नागरिकों द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है। विभिन्न व्यापारी संगठनों के विरोध को देखते हुए अब ग्राम पंचायत (Gram Panchayat) के लोगों ने भी इसका विरोध शुरू कर दिया है। दौंड तालुका के पारगांव पंचायत ने भी अब गांव के किराना दुकानों में वाइन बिक्री नहीं करने का निर्णय लिया है। 

    हाल ही में हुई ऑनलाइन ग्रामसभा में यह निर्णय लिया गया। सभी ग्रामीणों ने एकमत से यह निर्णय लिया है। आश्चर्य की बात यह है कि महाविकास आघाडी सरकार के नेता जिले और तालुका में है।

    परंपरा बचाने के लिए लिया गया निर्णय

    ग्रामीणों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, पारगांव में ग्राम पंचायत की स्थापना के बाद से अब तक किसी प्रकार की शराब बिक्री की परमिशन नहीं दी गई। पिछले कई वर्षों से यह परंपरा चली आ रही है। राज्य सरकार द्वारा सुपर मार्केट में शराब बिक्री का जो निर्णय लिया गया है, ग्रामीण इसका विरोध कर रहे है। इसे लेकर हाल ही में ग्रामसभा में यह निर्णय लिया गया। ग्रामसभा में लिए गए वाइन बंदी के प्रस्ताव को पारगांव के पूर्व सरपंच बोत्रे ने रखा और उसका सरपंच जयश्री ताकवणे, खरीद बिक्री संघ के पूर्व चेयरमैन सुभाष बोत्रे, भीमा पाट्स के संचालक तुकाराम ताकवणे, तंटामुक्ती के पूर्व अध्यक्ष संजय ताकवणे ने अनुमोदन किया।

    गांव में संपूर्ण दारुबंदी

    करीब 1 हजार की जनसंख्या वाले इस गांव में अभी तक एक भी शराब की दुकान नहीं है। राजनीति में सक्रिय इस गांव में शराब पार्टी नहीं होती है। गांव द्वारा लिए गए इस निर्णय से सामाजिक कार्यकर्ता वसुधा सरदार बेहद खुश है।