
पुणे: पुणे-नासिक हाई स्पीड ट्रेन (Pune-Nashik High Speed Train) को रेलवे मंत्रालय से फंड का बूस्टर नहीं मिलने की जानकारी सामने आ रही है। इस वजह से इस प्रोजेक्ट (Project) के लिए भूमि अधिग्रहण (Land Acquisition) की प्रक्रिया रुकी हुई है। पुणे-नासिक ग्रीन कॉरिडोर (Pune-Nashik Green Corridor) के कारण यह फंड उपलब्ध नहीं होने की आशंका व्यक्त की जा रही हैं। बीच के दिनों में रेल मंत्रालय द्वारा यह काम हाथ में लिए जाने के बाद राज्य सरकार से पुणे-नासिक ग्रीन कॉरिडोर प्रोजेक्ट की घोषणा की गई। इसे लेकर विवाद पैदा हो गया था।
सारी प्रक्रिया पूरी करने के बावजूद पुणे-नासिक हाई स्पीड रेल प्रोजेक्ट का भविष्य को लेकर इस वजह से सवाल खड़े हो गए है। इस बीच उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रेल मंत्रालय से इसे लेकर फरवरी में चर्चा की थी और हाई स्पीड रेल प्रोजेक्ट का रास्ता साफ होने की घोषणा की थी, लेकिन प्रत्यक्ष रुप से फंड उपलब्ध नहीं होने की वजह से प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण का काम ठप हो गया है। इसे लेकर कई तरह की आशंकाएं खड़ी हो गई हैं।
यह है स्थिति
- पुणे-नासिक हाई स्पीड रेल प्रोजेक्ट के भूमि अधिग्रहण के लिए पुणे जिले की हवेली, खेड, आंबेगांव और जुन्नर उपविभागीय अधिकाऱियों की नियुक्ति की गई हैं।
- इन अधिकारियों ने आवश्यक जमीन की माप की है। इसे लेकर रिपोर्ट तैयार की गई है।
- इस प्रोजेक्ट के तहत दो मार्ग तैयार किए जाएंगे। पुणे-नासिक का सफर दो घंटे में पूरा होगा।
- प्रोजेक्ट के लिए सीधे जमीन खरीदने का प्रस्ताव जिला प्रशासन ने तैयार किया है।
- भूमि अधिग्रहण के लिए 1,200 से 1,500 करोड़ रुपए की मांग जिला प्रशासन ने रेल प्रशासन से की है
- अभी तक फंड प्राप्त नहीं हुआ है
प्रोजेक्ट की विशेषता
- ट्रेन की गति घंटे 200 किलोमीटर होगी
- 18 टनल, 41 फ्लाईओवर, 128 अंडरग्राउंड रुट
- विद्युतीकरण के साथ एक ही समय में डबल रेल लाइन का काम
- 60 फीसदी वित्तीय संस्था, राज्य सरकार और रेल्वे प्रत्येक का 20 फीसदी खर्च होगा।
पुणे-नासिक हाई स्पीड रेल मार्ग के लिए पुणे, अहमगदनगर और नासिक जिले की 1 हजार 470 हेक्टेयर जमीन में से पुणे जिले के हवेली, खेड, आंबेगांव और जुन्नर तालुका की 575 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। यह प्रक्रिया शुरू करने का आदेश प्राप्त होने के बाद इसे लेकर कार्रवाई शुरू की गई थी। राज्य सरकार के फंड से भूमि अधिग्रहण किया गया। आगे के भूमि अधिग्रहण के लिए रेल प्रशासन से फंड की मांग की गई है, लेकिन अभी तक फंड नहीं मिला है। इस वजह से भूअधिग्रहण रोक दिया गया है।
-प्रवीण सालुंखे, समन्वय अधिकारी, भूमि अधिग्रहण, जिला प्रशासन