National Institute of Virology

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    पुणे: पुणे में एक 4 वर्षीय बच्चे के जापानी इंसेफेलाइटिस (Japanese Encephalitis) से संक्रमित होने की जानकारी मिली है। बच्चे को पिछले महीने 3 नवम्बर को पुणे के ससून हॉस्पिटल (Sassoon Hospital) के पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट में भर्ती कराया गया था। भर्ती के समय उक्त बच्चे में बुखार, सिर दर्द, कमजोरी और दौरे जैसे लक्षण दिखाई दे रहे थे। संक्रमण की जानकारी मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग (Health Department) अलर्ट मोड पर है।

    ससून हॉस्पिटल में भर्ती करने के बाद मरीज के विभिन्न परीक्षण किए गए और इलाज शुरू किया गया। ससून हॉस्पिटल के अधिष्ठाता डॉ. विनायक काले ने कहा कि मरीज के रक्त और सीएसएफ नमूने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) भेजे गए थे। उन्होंने कहा कि NIV द्वारा उक्त मामले में मरीज की रिपोर्ट जापानी इंसेफेलाइटिस के लिए सकारात्मक थी। 

    ससून अस्पताल में मरीज का इलाज जारी

    ससून अस्पताल की डॉ. आरती किणीकर ने कहा कि उक्त बच्चे को 9 दिनों तक वेंटीलेटर पर रखा गया और साथ ही आवश्यक दवाएं शुरू की गईं। 17 दिनों की गहन देखभाल के बाद मरीज को आगे के इलाज के लिए वार्ड में भर्ती कराया गया। उन्होंने बताया कि यह बीमारी आमतौर पर 15 साल से कम उम्र के बच्चों में पाई जाती है और इसके मरीज के लक्षण बुखार, सिरदर्द, कमजोरी और दौरे पड़ते हैं।

    डोर-टू-डोर सर्वेक्षण शुरू 

    बच्चे में जापानी इंसेफेलाइटिस के संक्रमण की पुष्टि के बाद स्वास्थ्य विभाग अधिकारियों ने पुणे के वडगावशेरी में पर्यावरण-महामारी विज्ञान (Eco-Epidemiological Survey) सर्वेक्षण शुरू कर दिया है। महाराष्ट्र निगरानी अधिकारी डॉ. प्रदीप आवटे ने कहा कि अधिकारियों ने वडगांवशेरी से बच्चों के 22 सीरम के नमूने एकत्र किए हैं और उन्हें जापानी इंसेफेलाइटिस संक्रमण के परीक्षण के लिए NIV भेजा गया है। घर-घर सर्वे भी किया जा रहा हैं। जापानी इंसेफेलाइटिस एक मच्छर जनित जूनोटिक वायरल बीमारी है जो जापानी इंसेफेलाइटिस वायरस के कारण होती है।