
- नगर सेवकों के वेतन सहित अन्य भत्ता देने से बची मनपा
पिंपरी: पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका का चुनाव पिछले 20 महीने से टल रहा है। ऐसे में जब से मनपा में प्रशासनिक व्यवस्था चल रही है, तब से नगरसेवकों को कोई वेतन, भत्ता और चाय का खर्च नहीं दिया जा रहा है। इससे मनपा को 4 करोड़ 72 लाख रुपए की बचत हुई है। राज्य में वार्ड गठन, ओबीसी आरक्षण, सत्ता परिवर्तन में भ्रम के कारण राज्य में स्थानीय निकायों के चुनावों में देरी हुई है। इसलिए, पिंपरी-चिंचवड़ मनपा में 13 मार्च, 2022 से प्रशासनिक व्यवस्था है।
20 महीने के चाय का खर्च भी बचा
नगरसेवकों को पंद्रह हजार रुपए मासिक वेतन दिया जाता है। इसके अलावा मनपा सभा, स्थायी समिति सभा के पदाधिकारियों के लिए भी गाड़ियां हैं। ईंधन भत्ता खर्च भी दिया जाता है। इसी तरह, यदि पदाधिकारियों को एक हॉल दिया जाता है, तो कर्मचारी, पानी और बिजली जैसी स्थापना लागत भी होती है। जबकि चुनाव में देरी होने से परेशानी हो रही है। मनपा के वेतन और विभिन्न भत्ते और 20 महीने की चाय का खर्च बच गया है।
सैलरी के बचाए 3 करोड़ 99 लाख
नगरसेवकों को प्रति माह 15 हजार रुपए का भुगतान किया जाता था। कुल 133 नगरसेवकों को भुगतान किया जा रहा था, जिसमें 128 निर्वाचित नगरसेवक और पांच स्वीकृत नगरसेवक शामिल थे। इस तरह औसत वेतन पर गौर करें तो प्रति महीने 19 लाख 95 हजार रुपये खर्च होते हैं। 20 महीने के प्रशासनिक शासन काल को ध्यान में रखते हुए 3 करोड़ 99 लाख रुपये की पारिश्रमिक राशि की बचत हुई है।
महापौर, उपमहापौर, स्थायी समिति, सत्तापक्ष नेता, विपक्ष नेता, शिक्षा, खेल, कानून, नगर सुधार, महिला एवं बाल कल्याण, शिवसेना के पदाधिकारियों और सदस्यों की चाय पार्टी पर हर महीने 1 लाख से अधिक खर्च होते थे। 20 महीने में 20 लाख का खर्च आता है।
सभा का भत्ता
मनपा की प्रत्येक जनरल बॉडी में 100 रुपये का भत्ता दिया जाता है। इसके अलावा अन्य समितियों की बैठक के लिए 100 रुपये का भत्ता मिलता है। हालांकि, एक महीने में होने वाली बैठकों के लिए चार सौ रुपए से अधिक का भत्ता नहीं दिया जाता है। 133 नगरसेवकों को प्रति जनरल बॉडी 100 रुपए प्रतिमाह भत्ता दिया जाता है। इसके अलावा अन्य समितियों की बैठक के लिए 100 रुपये का भत्ता मिलता है। 133 नगरसेवकों पर 20 महीने में 8 लाख रुपए बैठक भत्ता बचा है।
वाहन ईंधन पर 45 लाख 56 हजार रुपए की बचत
महापौर सहित प्रत्येक वार्ड समिति और विषय समिति के अध्यक्ष को मनपा की गाड़ी का उपयोग करने के बजाय अपनी मोटर का उपयोग करने पर ईंधन भत्ता दिया जाता है। मेयर को 5 लाख, डिप्टी मेयर को 3.5 लाख, स्थायी समिति के अध्यक्ष को 4 लाख, सदन के नेता को 3.5 लाख और विधान समिति, महिला एवं बाल कल्याण समिति को 3.5-3 लाख रुपए दिए जाते है। 20 महीने में 45 लाख 56 हजार रुपये की बचत हुई है।