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एकनाथ शिंदे, मनोज जारांगे

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मंचर: मराठा समाज को आरक्षण (Maratha Reservation) देने के लिए राज्य सरकार (Shinde Government) सकारात्मक है। यह सवाल राजनीतिक नहीं बल्कि सामाजिक है। मराठा समुदाय आरक्षण मुद्दे को सुलझाने के लिए विपक्ष को सहयोग करना चाहिए। यह अपील मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने की है। लांडेवाडी के तालुका अंबेगांव में सोमवार 11 सितंबर को हुई एक पत्रकार परिषद में शिंदे ने कहा कि राज्य सरकार मराठा आरक्षण के पीछे मजबूती से खड़ी  है। देवेंद्र फडणवीस जब मुख्यमंत्री थे तभी उन्होंने मराठा समाज को आरक्षण दिये थे। 
 
परंतु दुर्भाग्य से सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था। अब कानून कायम रहना चाहिए। मराठा समाज शैक्षणिक व सामाजिक रूप से पिछड़ा है। इसे निर्देशित करने की आवश्यकता है। अन्य ओबीसी समुदाय भी हैं, उनका आरक्षण कम किए बिना हम मराठा समुदाय को पहले जैसा आरक्षण बहाल करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने स्थगिती दी है. उस समय इंटरव्यू एवं चुनाव में 3 हजार 700 मराठा उम्मीदवारों का चयन किया गया और उन्हें नौकरियां दी गयी थी। 
 
 
सारथी, अण्णासाहेब पाटील आर्थिक विकास महामंडल व विदेशी शिक्षा योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। आरक्षण  के लिए सोमवार 11 सितंबर को सभी की मंत्रालय में बैठक बुलाया गया है। प्रत्येक के निर्देशों पर विचार कर मराठा समाज को न्याय कैसे मिले, इस पर विचार किया जाएगा। सरकार किसी को धोखा नहीं देना चाहती। जो निर्णय होगा कानून को वैसे ही कायम रहना चाहिए जैसा उसे होना चाहिए। हम कानून के दायरे में रहकर काम करें। यह मुकदमा सुप्रीम कोर्ट में है। हम सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाने की कोशिश करेंगे।
 
सारटी-जालना में मराठा आंदोलन पर मुख्यमंत्री का बयान
सारटी-जालना में जारांगे पाटिल की भूख हड़ताल के पृष्ठभूमि पर शिंदे ने उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ के समान विरोधी पार्टियों पर भी कानून व व्यवस्था बनाये रखने की जिम्मेदारी है। इस मुद्दे का राजनीतिक तुष्टिकरण नहीं होनी चाहिए। अनेक जगहों पर आंदोलन जारी है। किसी प्रकार की दुर्घटना न हो इसके लिए सभी को शांति व्यवस्था बनाये रखनी होगी।