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    पुणे : शहर में सड़कों (Repair of Roads) की मरम्मत के लिए पुणे महानगरपालिका (Pune Municipal Corporation) द्वारा 180 करोड़ रुपए की निविदा प्रक्रिया चल रही है। वहीं दुसरी तरफ कुछ और सड़कों को डामरीकरण करने का निर्णय महानगरपालिका प्रशासन ने लिया है। इस 38 किमी सड़कों के लिए इस्टिमेट कमेटी में 142 करोड़ रुपए की मंजुरी दी गई है। 

    जी20 अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन 2023 में आयोजित कुछ बैठकें शहर में आयोजित की जाएगी। इसी पृष्ठभूमि में महानगरपालिका ने शहर को चमकदार बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। हलाकीं, पिछले दो वर्षों में जलापूर्ति योजना, सीवरेज चैनल, नालियों, बिजली लाइनों, मोबाइल केबल आदि सहित विभिन्न कारणों से सड़कों को बार-बार खोदा गया है। इस वर्ष मानसून सीजन में शहर की सड़कों को खराब स्थिती उजागर हो गई। नागरिकों के आलोचना के बाद महानगरपालिका ने गड्ढों को भरने का काम किया। लेकिन, सड़कों की स्थिती फिर से खराब होने के कारण महानगरपालिका ने शहर की सड़कों का डामरीकरण करने का निर्णय लिय। 

    शहर की सभी सड़कों का डामरीकरण करने के लिए 500 करोज रुपये खर्च किया जाएगा। शहर की सबसे अधिक क्षतिग्रस्त सड़कों को प्राथमिका के तौर पर दुरुस्त किया जाएगा। इसमें पहले चरण में 50 किलोमीटर सड़कों के लिए 193 करोड रुपए की टेंडर प्रक्रिया शुरु कर दी गई है। इसके लिए अगले सप्ताह में टेंडर खोले जाएंगे। जबकि यह टेंडर प्रक्रिया पूरी हो रही थी, दूसरे चरण में सड़क विभाग ने 98 किलोमीटर लंबी सड़क के लिए 260 करोड़ रुपए खर्च करने का निर्णय लिया था। इस संबंध में कमिश्नर विक्रम कुमार ने बैठक की और जो जरुरी सड़कें की सूची और लागत जमा करने का आदेश दिए थे। तदनुसार, धायरी, कोथरुड, औंध, कात्रज, हडपसर, नगर रस्ता आदी क्षेत्र के मुख्य विभाग से 30 किमी की 34 सड़कें शामिल हैं। इस काम पर 130 करोड़ खर्च किए जाएंगे। जबकि, क्षेत्रिय ऑफिस के तहत 12 मीटर से कम चौड़ाई के साथ 7.8 किमी हैं, कमिश्नर ने इसके लिए 12 करोड़ रुपए खर्च करने की मंजूरी दी है। 

    50 सड़कें तीन ठेकेदार करेंगे

    पहले चरण में महानगरपालिका ने 50 किलोमीटर लंबी 57 सड़कों के लिए 193 करोड़ रुपए का टेंडर निकाला है। अन्य समय में महानगरपालिका प्रत्येक सड़क के लिए अलग-अलग टेंडर निकालती है, लेकिन इस बार 50 किमी के तीन पैकेज बनाए गए हैं। 29 किमी, 14 किमी और 7 किमी सीमेंट सड़कों के लिए तीन निविदाएं मंगाई गई हैं। इसलिए 50 सड़कों का काम तीन ठेकेदार करेंगे। बड़े ठेकेदारों के आने से अच्छी गुणवत्ता का काम होगा, ऐसा महानगरपालिका अधिकारीयों ने दावा किया है।