Geete and Tatkare

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  • महायुति के तीनों घटक दलों की भी जोरदार तैयारी
  • समाजवादियों एवं कांग्रेस के गढ़ पर कब्जा जमाने की कवायद तेज

ठाणे: महायुति और महाविकास आघाडी में अभी तक सीट शेयरिंग को लेकर किसी तरह का निर्णय नहीं हुआ है। लेकिन सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। दोनों गठबंधनों के लिए यह चुनाव करो या मरो जैसा है। ठाणे से सटे रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र कभी समाजवादियों एवं कांग्रेस का गढ़ रहा। लेकिन  गुरुवार को शिवसेना (उबाठा) पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के चुनावी शंखनाद से यह संभावना बढ़ गयी है कि इस सीट पर एक बार फिर शिवसेना नेता अनंत गीते राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित गुट) के प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे के बीच जोरदार टक्कर देखने को मिल सकती है। 

रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र समाजवादी एवं कांग्रेस का गढ़ रहा है। इस लोकसभा क्षेत्र में रायगढ़ जिले की 4 एवं रत्नागिरी जिले की 2 विधानसभा क्षेत्र का समावेश है। पहले इस लोकसभा क्षेत्र का नाम कुलाबा था और पहले चुनाव में यहां से कांग्रेस के चिंतामण द्वारकानाथ देशमुख ने विजय पताका फहरायी थी। वर्ष 1967 के चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में दत्तात्रय काशीनाथ ‘नाना’ कुंटे निर्वाचित होकर संसद भवन में पहुंचे थे। शेतकरी कामगार पक्ष के दिनकर पाटिल एवं रामशेठ ठाकुर यहां से सांसद रहे हैं। कांग्रेस के टिकट पर ए टी पाटिल ,राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बैरिस्टर ए आर अंतुले भी कई चुनाव जीते हैं। लोकसभा क्षेत्र के परिसीमन के बाद पहली बार वर्ष  2009 में हुए रायगढ़ लोकसभा चुनाव में भाजपा-शिवसेना युति के उम्मीदवार एवं शिवसेना नेता अनंत गीते ने कांग्रेस के दिग्गज नेता ए आर अंतुले को पटखनी दे कर सीट पर कब्जा जमाया था। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में गीते के सामने राष्ट्रवादी कांग्रेस के टिकट पर सुरेश तटकरे मैदान में उतरे लेकिन मोदी लहर में वे टिक नहीं पाए। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर होने के बावजूद महायुति के उम्मीदवार अनंत गीते महागठबंधन के सुनील तटकरे से मात खा गए। 

पिछले विधानसभा चुनाव में रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र के सभी 6 सीटों में से 4 पर शिवसेना एवं एक पर भाजपा की जीत हुई थी, जबकि महाआघाड़ी को एक सीट मिली थी। विधान सभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र में कई राजनीतिक परिवर्तन देखने को मिले हैं। राज्य में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में महायुति की सरकार बनने के बाद राजनीतिक परिस्थिति पूरी तरह बदल गयी है। अलीबाग के शिवसेना विधायक महेंद्र दलवी, महाड के भरत गोगावले  एवं दापोली के विधायक योगेश कदम मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के साथ हैं। जबकि श्री वर्धन की राकां विधायक अदिति सुनील तटकरे शिंदे सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। पेण के विधायक रवि शेठ पाटिल को मिलाकर महायुति के खेमे में 5 विधायक हैं। जबकि उद्धव ठाकरे के साथ केवल शिवसेना नेता भास्कर जाधव हैं। 

महाविकास आघाड़ी में सीट शेयरिंग को लेकर अभी तक किसी तरह की घोषणा नहीं हुई है लेकिन विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने कोंकण की 4 सीटें शिवसेना (उबाठा) के लिए छोड़ने पर सहमति दे दी है। जिसकी वजह से पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कोंकण दौरा शुरू कर दिया है। ठाकरे ने गुरुवार को  रायगढ़ जिले में भाजपा पर जोरदार हमला बोलते हुए चुनावी शंखनाद कर दिया है। वहीं दूसरी तरफ  इस बात की चर्चा है कि महायुति एक बार रायगढ़ से राकां प्रदेश अध्यक्ष एवं वर्तमान सांसद सुनील तटकरे को मौका दे सकती है। अजित पवार के नेतृत्ववाली राकां सरकार में शामिल है। इसलिए राकां के सीटिंग सांसदों का टिकट पक्का माना जा रहा है। महायुती महाराष्ट्र में 45 प्लस के मिशन पर काम कर रही है। भाजपा ,शिवसेना एवं राकां (अजित गुट) के पदाधिकारी व कार्यकर्ता चुनाव तैयारियों में जुट गए हैं।