
ठाणे: सौतेली बेटी का अपहरण कर उसकी हत्या करने के प्रयास मामले में ठाणे सत्र न्यायालय ने दोषी पाए गए व्यक्ति को 7 साल की सजा एवं 15 हजार रुपये आर्थिक दंड की सजा दी है। मामला शहर के वर्तक नगर पुलिस थाना क्षेत्र का है। ठाणे सत्र न्यायाधीश डॉ. रचना आर. तेहरा ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनाने एवं प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर वर्तक नगर में रहने वाले तुलसीराम तुकाराम सैनी को दोषी करार देते हुए सजा का ऐलान किया।
मारने के इरादे से उल्हास नदी में फेंक दिया
अतिरिक्त लोक अभियोजक विनीत ए. कुलकर्णी ने अदालत को बताया कि लड़की की मां की शादी सैनी से हुई थी, लेकिन जब उसे पता चला कि वह पहले से ही शादीशुदा है और उसके बच्चे हैं तो वह अलग रहने लगी। सैनी 29 जून 2016 को अपनी सौतेली बेटी को मोटरसाइकिल पर ले गया और उसे मारने के इरादे से उल्हास नदी में फेंक दिया। उन्होंने बताया कि लड़की एक पेड़ की टहनी से लटक गई, जहां उसने पूरी रात बिताई। अगले दिन एक राहगीर ने उसे देखा और वहां से निकाला। अधिवक्ता कुलकर्णी ने बताया मामले में लड़की और उसकी मां सहित 10 गवाहों के बयान दर्ज किए गए।
2016 से जेल में है सैनी
न्यायाधीश ने आदेश पारित करते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष ने सैनी के खिलाफ सभी आरोपों को संदेह से परे साबित कर दिया। न्यायाधीश ने भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या का प्रयास), 363 (अपहरण), 364 (हत्या के इरादे से अपहरण या अपहरण), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 507 (आपराधिक धमकी) आदि के तहत सैनी को दोषी ठहराते हुए उसे अधिकतम सात साल की सजा सुनाई। अदालत ने कहा कि सैनी 2016 से जेल में है, इसलिए उसके द्वारा जेल में बिताया समय सजा की अवधि में शामिल होगा।