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    भिवंडी: महानगरपालिका कमिश्नर सुधाकर देशमुख (Commissioner Sudhakar Deshmukh) ने बरसात (Rain) के पूर्व धोखादायक इमारतों (Dangerous Buildings) पर तोडू कार्रवाई किए जाने को गंभीरता से लिया है। महानगरपालिका अधिकारियों की टीम महानगरपालिका क्षेत्र के अंतर्गत जर्जर, अति जर्जर, धोकादायक इमारतों को खाली कराते हुए तोडू कार्रवाई पर जुटे हैं। भिवंडी में कुल 894 इमारतें महानगरपालिका प्रशासन द्वारा धोखादायक घोषित की गई है।

    महानगरपालिका सूत्रों की मानें तो धोखादायक घोषित इमारतों के पानी, बिजली आपूर्ति खंडित कर अंतिम नोटिस (Final Notice) देकर रहिवासियों को इमारत खाली किए जाने का फाइनल अल्टीमेटम दिए जा चुके हैं।

    350 धोखादायक इमारतों पर पर हुई कार्रवाई

    गौरतलब है कि महानगरपालिका क्षेत्र के अंतर्गत विगत वर्ष धोखादायक इमारतों की कुल संख्या 1243 थी। महानगरपालिका कर्मचारियों की टीम ने एक वर्ष में करीब 350 से अधिक इमारतों को तोड़े जाने में सफलता हासिल की है। एक वर्ष में करीब 350 धोखादायक इमारतों पर महानगरपालिका का हथौड़ा चल चुका है। 

    इमारतों का सर्वेक्षण कर कैटेगरी बनाई गई 

    महानगरपालिका प्रशासन के निर्देश पर अधिकारियों की टीम द्वारा धोकादायक इमारतों का सर्वेक्षण कर कैटेगरी बनाई गई है। कैटेगरी सी-1 में अति धोकादायक इमारत फौरन खाली कर तोड़े जाने, सी-2 ए कैटेगरी में रहिवासियों से बगैर खाली कराए ही मरम्मत वाली इमारतें एवम सी 2 बी कैटगरी में रिपेयर,स्ट्रक्चरल आडिट रिपोर्ट और कैटेगरी सी 3 के तहत आंशिक रूप से दुरुस्ती के निर्देश दिए गए हैं। भिवंडी महानगरपालिका क्षेत्र के अंतर्गत सी -1 कैटगरी में 346, सी – 2 A में 332, सी – 2 B में 191 और सी – 3 अंतर्गत 25 इमारतों का समावेश है। धोखादायक इमारतों में सर्वाधिक धोकादायक इमारत प्रभाग समिति क्रमांक 3 में सर्वाधिक 361 इमारतो का समावेश है।

    उदासीनता का रवैया अपना रही महानगरपालिका

    गौरतलब  है कि भिवंडी में जीलानी इमारत, गैवीनगर, आसबीबी इमारत दुर्घटना के उपरांत भी महानगरपालिका प्रशासन धोखादायक इमारतों के प्रति उदासीनता का रवैया अपना रही है। बरसात के दौरान धोखादायक इमारतों के खतरे से लोग चिंतित हो गए हैं। महानगरपालिका की ढुलमुल कार्यप्रणाली की वजह से धोखादायक इमारतों में रह रहे लोग भी जान हथेली पर लेकर बिंदास रह रहे हैं। बरसात के दौरान मनपा धोखा दायक इमारतों पर तोड़क कार्रवाई किए जाने की झूठी तैयारी दिखाती है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि धोकादायक इमारतों में रह रहे लोग आशियाना खाली करने पर महानगरपालिका से वैकल्पिक जगह देने की गुहार लगाते हैं, लेकिन महानगरपालिका कोई कदम नहीं उठाते हुए हाथ झटक लेती है। 

    बरसात में जानलेवा हादसों से बचाव के लिए महानगरपालिका द्वारा घोषित धोकादायक इमारतों को रहिवासियों को फौरन खाली करना चाहिए। बरसात में होने वाली दुर्घटनाओं से बचाव के लिए महानगरपालिका प्रशासन की नागरिक मदद करें। अति जर्जर इमारतों में रह रहे नागरिकों को इमारतों के तोड़े जाने पर महानगरपालिका द्वारा रहिवासी प्रमाणपत्र दिए जाने का प्रावधान है।

    -सुधाकर देशमुख, कमिश्नर, भिवंडी महानगरपालिका