morbe dam
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नवी मुंबई: बढ़ते शहरीकरण के कारण नवी मुंबई महानगरपालिका (Navi Mumbai Municipal Corporation) के तहत आने वाले क्षेत्रों की जनसंख्या (Population) तेजी से बढ़ रही है। मौजूदा समय में नवी मुंबई महानगरपालिका क्षेत्र की जनसंख्या 17 लाख 60 हजार तक पहुंच गई है, जिसे देखते हुए नवी मुंबई महानगरपालिका आने वाले 32 साल के दौरान यानी 2055 में शहर की जनसंख्या और पीने के पानी (Drinking Water) की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए अभी से नए जल स्रोत की तलाश और निर्माण करने की योजना पर मंथन कर रही है। जिसके लिए महानगरपालिका ने फिर हाल अपने बजट में 114 करोड़ 36 लाख रुपए का प्रावधान किया है।

गौरतलब है कि नवी मुंबई महानगरपालिका के पास अपना खुद का मोरबे बांध (Morbe Dam) है। मौजूदा समय में इस बांध की जल संचय की क्षमता 88 मीटर है। नवी मुंबई महानगरपालिका के तहत आने वाले क्षेत्रों में हर दिन लगभग 460 एमएलडी पानी की जरूरत है, जिसमें से 450 एमएलडी पानी की आपूर्ति मोरबे जलाशय से होती है, इसमें से 400 एमएलडी पानी नवी मुंबई महानगरपालिका क्षेत्र में रहने वाले नागरिकों को दिया जा रहा है, जबकि 50 एमएलडी पानी सिडको के तहत आने वाले क्षेत्रों को दिया जा रहा है। आने वाले कुछ वर्षों में नवी मुंबई महानगरपालिका क्षेत्र की जनसंख्या 20 लाख के पार होने का अनुमान है, जिसे ध्यान में रखते हुए नवी मुंबई महानगरपालिका कमिश्नर राजेश नार्वेकर ने अभी से नए जल स्त्रोत की तलाश और निर्माण पर फोकस करना शुरू किया है।

पड़ोस के शहरों में हर साल होती है जलापूर्ति में कटौती

नवी मुंबई महानगरपालिका के पड़ोसी शहरों में विगत कई साल से जल संकट जारी है, जिसका उपाय उक्त शहरों की महानगरपालिकाएं अब तक नहीं ढूंढ पाई हैं। जिसकी वजह से मुंबई, ठाणे, कल्याण-डोंबिवली और पनवेल महानगरपालिका के तहत आने वाले क्षेत्रों गर्मी का मौसम शुरू होने के कुछ दिनों बाद ही जलापूर्ति में कटौती शुरू हो जाती है, इसके अलावा उक्त शहरों में शटडाउन के नाम पर भी कभी-कभार जलापूर्ति को बंद रखा जाता है, लेकिन नवी मुंबई महानगरपालिका क्षेत्र में ऐसी स्थिति नहीं पैदा होती है। मौजूदा समय में नवी मुंबई महानगरपालिका के मोरबे जलाशय में सितंबर 2023 तक जलापूर्ति करने जितना पानी का भंडार है। नवी मुंबई महानगरपालिका पानी के मामले में समृद्ध है, शायद इसलिए इस शहर में अधिकांश लोग बसे हैं और बस रहे हैं।

पानी की बचत पर महानगरपालिका को जोर

जलापूर्ति के साथ-साथ नवी मुंबई महानगरपालिका द्वारा पानी की बचत करने पर भी जोर दिया जा रहा है। इसके लिए महानगरपालिका ने कोपरखैरने और ऐरोली के मलप्रक्रिया केंद्र में आने वाले दूषित पानी को अत्याधुनिक तरीके से शुद्ध करने के लिए ट्रिकलिंग फिल्टर ट्रीटमेंट प्लांट शुरू किया है। जिसमें हर दिन 40 एमएलडी पानी को मिनरल वाटर की तरह शुद्ध किया जाता है। इसमें से 6 एमएलडी पानी प्रयोग के तौर पर ठाणे-बेलापुर क्षेत्र की कंपनियों को दिया जा रहा है, जबकि शेष पानी का उपयोग बगीचों में किया जा रहा है।

आने वाले तीन दशकों के दौरान नवी मुंबई महानगरपालिका के तहत आने वाले क्षेत्रों की जनसंख्या में इजाफा होने की पूरी संभावना है। जिसे ध्यान में रखते हुए नवी मुंबई महानगरपालिका द्वारा अभी से नए जल स्त्रोत की तलाश करने और निर्माण करने के बारे में नियोजन किया जा रहा है। नए जल स्त्रोत पातालगंगा और कर्जत क्षेत्र में उपलब्ध होने वाले हैं, जिसे लेने के लिए अभी से तैयारी करने की जरूरत है। इसके साथ ही पानी की बचत करने के लिए कोपरखैरने और ऐरोली की तरह ही नेरुल और बेलापुर के मलप्रक्रिया केंद्रों में आने वाले पानी को शुद्ध करने के लिए ज्यादा क्षमता के ट्रिकलिंग फिल्टर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की योजना है।

-राजेश नार्वेकर, कमिश्नर, नवी मुंबई महानगरपालिका