NMMT ने शुरू की टायर रिट्रेडिंग परियोजना, होगी नवी मुंबई महानगरपालिका की बचत

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नवी मुंबई: एनएमएमटी की बसों (NMMT Buses) में उपयोग किए जाने वाले टायरों को घिस जाने के बाद उनका रिट्रेडिंग (Retreading) का यह काम बाहरी एजेंसी से करा के उक्त टायरों का फिर से उपयोग किया जाता रहा था, जिसके लिए सालाना लगभग 70 लाख रुपए खर्च हो रहे थे। अब इस खर्च को बचाने और पुराने टायरों में नई जान फूंकने के लिए एनएमएमटी ने न्यू पनवेल (New Panvel) के आसुड़गांव स्थित अपने डिपो में टायर रिट्रेडिंग परियोजना स्थापित की। जिसका उद्घाटन नवी मुंबई महानगरपालिका के कमिश्नर राजेश नार्वेकर के हाथों किया गया।

 गौरतलब है कि नवी मुंबई महानगरपालिका कमिश्नर नार्वेकर द्वारा एनएमएमटी को आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दिया जा रहा है। इसी के तहत आसुड़गांव डिपो में टायर रिट्रेडिंग परियोजना स्थापित की गई। जिसके उद्घाटन के मौके पर महानगरपालिका के परिवहन प्रबंधक योगेश कडूसकर, अतिरिक्त शहर अभियंता शिरीष आरदवाड, मुख्य लेखा एवं वित्त अधिकारी तुषार दौडंकर, विवेक अचलकर,आसुड़गांव डिपो के प्रबंधक उमाकांत जंगले, प्रशासनिक अधिकारी दीपिका पाटिल आदि उपस्थित थे।

 सिर्फ कच्चा माल खरीदना होगा

एनएमएमटी ने इल्जी रबर कंपनी के माध्यम से 22 लाख की टायर रिट्रेडिंग मशीन खरीदी और उसके माध्यम से परियोजना का निर्माण कराया है। इस परियोजना के लिए मशीन की लागत एक बार है। इस मशीन के लिए कंपनी ने 10 से 12 साल की गारंटी दी है। यहां पर पुराने टायरों की रिट्रेडिंग के लिए एनएमएमटी को सिर्फ कच्चा माल ही हर साल खरीदना होगा। पुराने टायर की रिट्रेडिंग का काम किस तरह से किया जाता है, इसके बारे में मशीन बनाने वाली कंपनी के माध्यम से एनएमएमटी के कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया है, जिसकी वजह से इस काम के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों की जरूरत नहीं होगी।

स्क्रैप में बेचा जा सकता है क्षतिग्रस्त टायर का रबर

उक्त टायर रिट्रेडिंग परियोजना से एनएमएमटी को एक वर्ष में लगभग 550 से 600 रिट्रेडेड टायर प्राप्त होंगे। इससे टायरों की कमी के कारण बसों को नुकसान नहीं होगा और बसों की दैनिक आवाजाही अच्छी स्थिति में होगी। इसके साथ ही यात्रियों को समय पर बसें उपलब्ध कराने में आसानी होगी। टायर रिट्रेडिंग के दौरान यदि टायर क्षतिग्रस्त हो जाता है, तो उसके रबर को स्क्रैप के रूप में भी बेचा जा सकता है। इस टायर रिट्रेडिंग कार्य से एनएमएमटी को सालाना लगभग 15 से 20 प्रतिशत की बचत होने की उम्मीद है।

एनएमएमटी को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई तरह से प्रयास किए जा रहे हैं, जिसके तहत वाशी में एनएमएमटी के दो बस डिपो में कमर्शियल इमारतों का निर्माण कराया जा रहा है। अब टायर रिट्रेडिंग परियोजना शुरू की गई है। जहां पर एनएमएमटी की बसों में लगने वाले रिट्रेडेड टायर तैयार होंगे। इस परियोजना से उक्त काम पर होने वाले खर्च की बचत होगी।

-राजेश नार्वेकर, कमिश्नर, नवी मुंबई महानगरपालिका