ठाणे में SRA योजना पर लगा ग्रहण, 21 झुग्गियों का पुनर्वास लटका

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    ठाणे : झोपड़पट्टी पुनर्वास योजना (Slum Rehabilitation Scheme) (एसआरए) की योजनाएं लटकने से महानगरपालिका की आय पर असर पड़ता नजर आ रहा है। जबकि ठाणे महानगरपालिका (Thane Municipal Corporation) क्षेत्र में 21 झोपड़ों का पुनर्वास परियोजनाएं अंतिम स्वीकृति चरण में हैं, लेकिन इन परियोजनाओं के भूखंड को क्लस्टर योजना के शहरी नवीनीकरण योजना (यूआरपी) में शामिल किया गया है। जिससे अब यह परियोजना अधर में लटक गई है। जिसके कारण विगत तीन वर्षों से वित्तीय संकट से जूझ रहा ठाणे महानगरपालिका इसकी चपेट में आ गया है और विभिन्न शुल्कों के कारण नगर पालिका इस परियोजना से लगभग 70 से 80 करोड़ रुपए की आय प्राप्त नहीं कर पाई है। इसके अलावा इन परियोजनाओं के शुरू नहीं होने से इनमें फ्लैटों की खरीद-बिक्री भी शुरू नहीं हो सकी और इससे महानगरपालिका को केंद्रीय शुल्क से होने वाली आय भी बंद हो गई है। 

    बता दें कि इन योजना में कई झोपड़ पट्टी क्षेत्रों को शामिल किया गया है और कुछ परियोजनाओं को पूरा किया गया है। लिहाजा कुछ जगहों पर योजना को लागू करने की तैयारी चल रही है। लेकिन इसके चलते झोपड़पट्टी पुनर्वास योजना के कुछ प्रखंडों को शहरी पुनर्निर्माण योजना (यूआरपी) में शामिल करने से उस योजना में बाधा उत्पन्न हो गई है। 

    ठाणे महानगरपालिका क्षेत्र में क्लस्टर योजनाओं को लागू करने के लिए 44 शहरी पुनर्निर्माण योजनाएं (यूआरपी) तैयार की गई हैं। इसमें झोपड़पट्टी पुनर्वास योजना के भूखंड शामिल हैं। जिससे उक्त योजना ठप पड़ी है क्योंकि सरकार के निर्देशानुसार झोपड़पट्टी पुनर्वास योजनाओं को और मंजूरी देना संभव नहीं है। इससे जिन नागरिकों ने इस योजना के लिए अपना मकान खाली किया है उन्हें डर सताने लगा है कि कहीं उन्हें डेवलपर से मकान का किराया मिलना बंद न हो जाए। 

    विधायक संजय केलकर ने लिखा सीएम, डीसीएम को पत्र 

    इस पृष्ठभूमि में बीजेपी विधायक संजय केलकर ने उपमुख्यमंत्री और आवास मंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर इस दरार को दूर करने की मांग की है।  केलकर ने पत्र में लिखा है कि ठाणे महानगरपालिका क्षेत्र में झोपड़पट्टी पुनर्वास योजना के तहत 5 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है जबकि 16 परियोजनाओं को मंजूरी का इंतजार है। लेकिन क्लस्टर योजना के लिए तैयार 44 शहरी पुनर्निर्माण योजना (यूआरपी) में इन भूखंडों को शामिल किया गया है और यहां क्लस्टर योजना लागू होने जा रही है। इसलिए पिछले तीन साल से वित्तीय संकट से जूझ रहा ठाणे महानगरपालिका इन परियोजनाओं के ठप होने से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। हालांकि इन परियोजनाओं के निर्माण की अनुमति स्लम पुनर्वास विभाग द्वारा दी जाती है, लेकिन महानगरपालिका को लगभग 500 रुपए प्रति वर्ग फुट की न्यूनतम आय प्राप्त होती है। अतः इस परियोजना से विभिन्न शुल्कों को मिला दिया जाए तो महानगरपालिका को लगभग 70 से 80 करोड़ रुपए की आय हो सकती है। लेकिन खेद के साथ कहना पड़ रहा है कि महानगरपालिका प्रशासन इस परियोजना को रखकर यह आय प्राप्त नहीं कर सकी।  इसके अलावा इन परियोजनाओं के शुरू नहीं होने के कारण इनमें फ्लैटों की खरीद-बिक्री भी शुरू नहीं हो सकी और इस वजह से महानगरपालिका को केंद्रीय शुल्क से होने वाली आय भी बंद हो गई है।