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    ठाणे : ठाणेकरों को इस मानसून के दौरान शहर के सर्विस रोड (Service Road) गड्ढे (Pits) मुक्त मिलेंगे और अगले 5 वर्षों तक ठाणे शहर की सड़कों (Roads) पर एक भी गढ्ढा नहीं पड़ेगा।  क्योंकि, ठाणे महानगरपालिका (Thane Municipal Corporation) ने स्टोन मैस्टिक अस्फाल्ट तकनीक (Stone Mastic Asphalt Technique) से सर्विस सड़कों की मरम्मत की है। महानगरपालिका सार्वजानिक निर्माण विभाग का दवा है कि इस नई तकनीक के इस्तेमाल से 5 वर्षों तक सड़कों पर गढ्ढा नहीं पड़ता। इसके लिए महानगरपालिका प्रशासन ने सात करोड़ रूपए खर्च किया है। 

    बता दें कि ठाणे महानगरपालिका ने मानसून के पहले ठाणे शहर की सड़कों को गढ्ढा मुक्त करने के लिए मरम्मत कार्य शुरू किया था। सड़कों की मरम्मत में इस बार नई तकनीक का इस्तेमाल किया है। इस बार स्टोन मैस्टिक एस्फाल्ट तकनीक का इस्तेमाल महानगरपालिका ने किया है। ठाणे महानगरपालिका के मुताबिक इस नई तकनीक के माध्यम से सड़कों की मरम्मत करने पर सडकों पर अगले 5 वर्षों तक गढ्ढा नहीं पड़ता। 

    ठाणे महानगरपालिका द्वारा मिली जानकारी अनुसार ठाणे महानगरपालिका की सिमा में आने वाले ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे और घोड़बंदर रोड भले ही एमएमआरडीए के अधीन आता है। लेकिन इन सड़कों के के किनारे बनाए गए सर्विस रोड का देखभाल और मरम्मतीकरण ठाणे महानगरपालिका को करना होता है क्योंकि सर्विस रोड महानगरपालिका के अधीन आता है। ऐसे में महानगरपालिका की तरफ से नितिन कंपनी से कैडबरी जंक्शन, कैडबरी जंक्शन से गोल्डन डाइज नाका, कोपरी ब्रिज से तीन हात नाका और शील दिवा रोड का मरम्मत कार्य पूर्ण कर लिया गया है। ठाणे महानगरपालिका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शुरुवात में विवियाना मॉल सर्विस रोड की मरम्मत स्टोन मैस्टिक डामर तकनीक का इस्तेमाल कर की गई थी। सड़क पर उक्त तकनीक सफल रही इसलिए महानगरपालिका ने इन सर्विस सड़कों की मरम्मत इस तकनीक से की है। इस नई तकनीक के माध्यम से सड़कों की उम्र 5 वर्ष के लिए बढ़ गई है। 

    क्या है स्टोन मैस्टिक एस्फाल्ट तकनीक?

    ठाणे महानगरपालिका अनुसार ऐसी तकनीक से सड़कों की मरम्मत की जाती है। तो पांच साल तक सड़कें गड्ढों से मुक्त हो जाएंगी। इस तकनीक के तहत सड़क के उपर असफाल्ट कांक्रीट की परत दी जाती है। जो कि बेहद मजबूत होती है। वहीं इस परत के ऊपर डांबर की भी परत दी जाती है। इस तकनीक के बाद सड़कों पर 5 वर्ष तक गढ्ढे नहीं पड़ते। हालांकि, इस तकनीक की लागत अन्य तकनीकों की तुलना में 25% अधिक है।