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    नवी मुंबई: ग्रीष्मकाल से पहले ही पनवेल महानगरपालिका (Panvel Municipal Corporation) क्षेत्र में जल संकट (Water Crisis) पैदा हो गया है। जिससे निपटने के लिए अब पनवेल महानगरपालिका द्वारा इस शहर में सप्ताह में एक दिन पानी की कटौती ( Water Cut) की जाएगी। गौरतलब है कि महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण और एमआईडीसी द्वारा बार-बार शटडाउन करने की वजह से पनवेल के नागरिक पहले से ही पानी की कमी का सामना कर रहे हैं। अब महानगरपालिका ने सप्ताह में एक दिन पानी की कटौती करने का निर्णय लिया है। जो आगामी 6 माह तक जारी रहेगी। इसके चलते पनवेल शहर (Panvel City) में रहने वाले नागरिकों को अब पानी के लिए और परेशानी होने वाली है।

     पनवेल महानगरपालिका के तहत आने वाली क्षेत्रों में हर दिन लगभग 32 एमएलडी पानी की जरूरत पड़ती है। जिसकी आपूर्ति तीन अलग-अलग प्राधिकरणों अर्थात महानगरपालिका के देहरंग बांध, महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण और एमआईडीसी द्वारा की जाती है। पनवेल शहर को पनवेल महानगरपालिका को रोजाना महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण से 15 एमएलडी और एमआईडीसी से पांच एमएलडी पानी खरीदना पड़ता है। जिसके लिए उक्त दोनों को महानगरपालिका द्वारा हर माह 50 लाख रुपए से अधिक का भुगतान करना पड़ता है। शेष 10 से 12 एमएलडी पानी महानगरपालिका के देहरंग बांध से लिया जाता है। जलापूर्ति के लिए खुद का बड़ा जलाशय नहीं होने की वजह से पनवेल महानगरपालिका को पानी खरीदने के लिए हर साल मशक्कत करनी पड़ती है।

    पहले जनवरी में शुरू होती थी कटौती

    गौरतलब है कि पिछले कुछ साल से पनवेल महानगरपालिका जल संकट से जूझ रही है। जिसकी वजह से जलापूर्ति करने के लिए उसे हर साल योजना बनानी पड़ती है। जिसके लिए उसे 15 जून यानी मानसून के आगमन तक पानी की कटौती करनी पड़ती है। हालांकि महानगरपालिका द्वारा हर साल जनवरी माह में पानी की कटौती करने का निर्णय लिया जाता था, लेकिन इस साल यह निर्णय दिसंबर माह में ही लिया गया है। इस संबंध में पनवेल ने सार्वजनिक सूचना जारी किया है कि अब पनवेल शहर में जल कुंभ के अनुसार सप्ताह में एक दिन जलापूर्ति बंद रहेगी।

    सोसायटियों में विवाद बढ़ने की संभावना

    पनवेल महानगरपालिका को करीब 18 एमएलडी पानी के लिए दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता है, जिसकी वजह से उसे हर साल पानी के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस साल महानगरपालिका के जल आपूर्ति विभाग ने अभी से पानी कटौती करने का फैसला लिया है, लेकिन महानगरपालिका के इस फैसले से कामकाजी महिलाओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। महानगरपालिका द्वारा कई सोसायटियों में पानी छोड़ने का शेड्यूल बदल जाएगा। इससे सोसायटियों में रहने वाले लोगों में पानी को लेकर विवाद होने की पूरी संभावना है।