electricity bill
Pic: File Photo/Social Media

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    यवतमाल. दीपोत्सव उत्सव के दौरान, महावितरण ने 1450 बकाया ग्राहकों के खिलाफ कार्रवाई की है और तीन उप-मंडलों में 1,453 ग्राहकों को बिजली की आपूर्ति काट दी है. महावितरण ने अतिदेय बिजली बिल का भुगतान नहीं करने पर इस अभियान को सख्ती से लागू करने की चेतावनी दी है.

    जिले में कृषि, घरेलू, वाणिज्यिक, औद्योगिक व अन्य श्रेणी के उपभोक्ताओं का करोड़ों रुपये का बिजली बिल बकाया है. महावितरण की मौजूदा वित्तीय स्थिति काफी खराब हो गई है. इसके चलते बकाया वसूली अभियान में तेजी लाई गई है. इस अभियान में बिजली बिल का भुगतान नहीं करने वाले ग्राहकों को अंधेरे में जाना होगा.

    राज्य में कोयले की कमी की वजह से बिजली संकट का असर दिवाली पर उपभोक्ताओं पर पड़ने की आशंका है. जिले में दो लाख 5 हजार 149 घरेलू ग्राहकों पर 68.56 करोड़ रुपये, औद्योगिक वर्ग के 11 हजार 900 ग्राहकों का 9 करोड़ 10 लाख रुपये और औद्योगिक वर्ग के 3 हजार 181 ग्राहकों का 12 करोड़ 26 लाख रुपये बकाया है. 

    इसके अलावा यवतमाल जिले में पथदीप, जलापूर्ति योजना तथा अन्य बिजली उपभोक्ताओं की ओर 530 करोड रुपए का बकाया है. इतने बड़े बिजली बिल के कारण महावितरण को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. इन कठिनाइयों को दूर करने के लिए, महावितरण ने बिजली बिल वसूली अभियान शुरू किया. पिछले हफ्ते, महावितरण के अधिकारी भी सड़कों पर उतरे.

    जिले में विभिन्न माध्यमों से बिजली बिलों का भुगतान करने के बारे में भी जागरूकता फैलाई गई. लेकिन उपभोक्ताओं ने बिजली बिल पर ध्यान नहीं दिया. पिछले सप्ताह कम से कम 1,453 उपभोक्ताओं की बिजली काट दी गई. इनमें पांढरकवडा संभाग में 504, पुसद में 429 और यवतमाल में 525 ग्राहकों के खिलाफ कार्रवाई की गई. ऐन दीपोत्सव के दौरान इन ग्राहकों के घरों में अंधेरा छा गया है.

    15वें वित्त आयोग से बिल भुगतान के लिए हरी झंडी

    कई सरकारी कार्यालय भी बकाया बिजली बिलों का भुगतान नहीं करने में सबसे आगे हैं. जिले की ग्राम पंचायत सीमा में हाई मास्ट लाइट, जलापूर्ति आदि का बिजली बिल बकाया हो गया है. सरकार ने 15वें वित्त आयोग से बकाया बिजली बिल के भुगतान को हरी झंडी दे दी है. इसलिए, ग्राम पंचायत और महावितरण के लिए यह भुगतान सौहार्दपूर्ण ढंग से करना आवश्यक है.

    ग्रापं ने उठाया टॉवर टैक्स का मुद्दा

    महावितरण के कई बिजली के टावर ग्राम पंचायत की सीमा के भीतर हैं. महावितरण इस टावर पर कोई टैक्स नहीं देती है. यह मुद्दा पश्चिमी महाराष्ट्र में प्रसिद्ध था. इसके बाद कोर्ट ने मामले में ग्राम पंचायत के पक्ष में भी फैसला सुनाया था. ग्राम पंचायत प्रशासन अब इस परिणाम का प्रमाण देने को तैयार है.

    अवकाश दिन बिल भुगतान केंद्र था खुला

    महावितरण ने बिजली बिलों की वसूली को प्राथमिकता दी है. इस कार्रवाई से बचने के लिए ग्राहकों की सुविधा के लिए बिजली बिल भुगतान केंद्र को छुट्टियों के दिन खुला रखने का निर्णय लिया गया है. इस निर्णय के चलते शनिवार और रविवार दोनों दिन केंद्र खुला रहा. अब दिवाली से पहले प्रस्तावित छुट्टियों के दौरान भी बिजली बिल भुगतान केंद्र जारी रहने की संभावना है.