जिप. को वार्षिक आम बजट में मिली निर्माणकार्य, शिक्षा, समेत कई विभागों की करोड़ों रुपये नही हुई खर्च

    Loading

    • डीपीसी में पेश करने बनी जिप. की रिपोर्ट में हुई जानकारी उजागर

    यवतमाल. जिलापरिषद के विभीन्न विभागों में सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन करनेवाली यंत्रणाओं द्वारा जिले के वार्षिक आम बजट और योजना के लिए मिली राशि का ईस्तेमाल निर्धारित समय में पुरा नही होने की जानकारी सामने आ रही है.प्राप्त जानकारी के मुताबिक बिते महिनें जिले के विकास योजनाओं की समिक्षा और योजनाओं की राशि तय करने के लिए बुलायी गयी.

    डीपीसी की बैठक से पहले जिलापरिषद के विभीन्न विभागों द्वारा उन्हे मिली वार्षिक बजट की राशि पर खर्च और कामकाज की रिपोर्ट तैयार की गयी थी, जिसमें दर्ज जानकारी के मुताबिक तय समय में योजनाओं की राशि खर्च नही हो पायी है.एैसे में डीपीसी की बैठक में इसे लेकर पालकमंत्री तक नाराजी जता चुके है.

    बडे पैमाने पर बची योजनाओं की राशि

    जिलापरिषद के निर्माणकार्य विभाग को 2019-20 में मिली निर्माण कार्य राशि में 6 करोड 14 लाख रुपयों की राशि खर्च नही हो पायी हे, इसके अलावा इस विभाग में वर्ष 2020 तथा 21 में भी 21 करोड 16 लाख से अधिक राशी बची हुई है, जबकी 2021-2022 में 12 करोड 40 लाख 74 हजार रुपयों की राशि सरकारी निर्माणकार्य योजनाओं के लिए तय हुई थी, लेकिन निर्माणकार्य बजट बढने के बाद इस विभाग के लिए मंजुर हुई राशि के तुलना में उसे 1 करोड 16 लाख से अधिक राशि मिली, एैसे में कुल 40 करोड 46 लाख की राशि में केवल 21 करोड रुपयों की राशि योजनाओं पर खर्च हुई, तो दुसरी ओर 21 करोड 21 लाख रुपयों से अधिक की राशि बची हुई है.

    बताया जाता है की 2020-21 में 2 करोड 62 लाख रुपए भी निर्माणकार्य पर खर्च नही हो पाए.इसके अलावा जिप. के कृषी विभाग कों विभीन्न मदों पर खर्च करने के लिए जो राशि मिली थी, उसमें 13 करोड 91 लाख रुपयों की राशि बची है, जबकमी महिला बाल कल्याण विभाग को जिले में 7 अंगनवाडी केंद्रों में सोलर पॉवर प्रोजेक्ट के तहत खरीदी के लिए 20 लाख रुपयों का निधि मिलने के बाद अन्य 15 केंद्रों के लिए भी सोलर पॉवर प्रोजेक्ट के लिए 20 लाख का निधी और 110 केंद्रों के निर्माण के लिए स्पील के तहत तथा 65 नए केंद्रों के निर्माण को मिलाकर कुल 10 करोड मिले थे. लेकिन यह राशि खर्च होने की जानकारी डीपीसी की बैठक में पेश रिपोर्ट में दी गयी है.

    प्राप्त जानकारी के मुताबिक जिप. के समाजकल्याण विभाग को इससे जुडी योजनाअें पर खर्च के लिए 30 करोड, और आम योजनाओं में 34 लाख से अधिक की राशि मिली थी, जलापूर्ती विभाग को 2021-22 में जलापूर्ती योजनाओं के लिए 91 लाख रुपयों की राशि मिलने पर भी कोई खर्च नही किया गया है.

    सिंचाई विभाग ने 14 करोड 63 लाख, पशुसंवर्धन विभाग को 9 करोड 23 लाख की राशि जिला वार्षिक बजट से मिलने पर इसे भी खर्च नही किया गया. तो दुसरी ओर शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग को डीपीसी के तहत मंजुर हुई क्रमश 12 करोड 25 लाख और 31 करोड 30 लाख की राशि मिली थी, इसमें स्वास्थ्य विभाग ने ने 27 करोड रुपयों की राशि खर्च की, जबकी कृषी विभाग के पास यह राशी अब भी बची हुई है.