जयपुर. कांग्रेस विधायक दल (Congress legislative party) की बैठक मंगलवार को यहां पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में हुई। बैठक में राजस्थान विधानसभा (Rajasthan Assembly) में नेता प्रतिपक्ष (leader of opposition) का नाम तय करने का फैसला पार्टी आलाकमान पर छोड़ने का प्रस्ताव पारित किया गया। कांग्रेस महासचिव स्वर्णिम चतुर्वेदी ने बैठक के बाद बताया कि प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में हुई बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें नेता प्रतिपक्ष का नाम तय करने के लिए पार्टी आलाकमान को अधिकृत किया गया है।
इस बैठक में निवर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot), कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, वरिष्ठ नेता सचिन पायलट (Sachin Pilot) के साथ ही पार्टी की ओर से नियुक्त विशेष पर्यवेक्षक भूपेंद्र सिंह हुड्डा, मुकुल वासनिक एवं मधुसूदन मिस्त्री भी शामिल हुए। चतुर्वेदी ने बताया कि बैठक के बाद पर्यवेक्षकों ने एक-एक कर विधायकों से बात की। उल्लेखनीय है कि राज्य की 200 सदस्यीय विधानसभा की 199 विधानसभा सीट पर मतदान हुआ जिसके वोटों की गिनती रविवार को की गई। इसमें भाजपा को 115 सीट के साथ बहुमत मिला जबकि कांग्रेस 69 सीटों पर सिमट गई। नतीजे आने के बाद अशोक गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्र को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा सौंप दिया। बैठक के बाद गहलोत ने संवाददाताओं से कहा कि चुनाव परिणाम चौंकाने वाले रहे क्योंकि आम लोगों में यह धारणा थी कि राज्य में कांग्रेस की सरकार ‘रिपीट’ होगी। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी नतीजे अप्रत्याशित रहे।
आज दिनांक 05 दिसम्बर, 2023 को प्रातः 11:00 बजे राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी मुख्यालय, इंदिरा गांधी भवन – स्टेशन रोड़, जयपुर में कांग्रेस पार्टी के नव निर्वाचित विधायक दल की बैठक संपन्न हुई। pic.twitter.com/c8b6mDVZ2d
— Rajasthan PCC (@INCRajasthan) December 5, 2023
नतीजे चौंकाने वाले: गहलोत
गहलोत ने कहा, “हम उम्मीद कर रहे थे कि कांग्रेस की सरकार रिपीट होगी लेकिन नतीजे चौंकाने वाले रहे। कांग्रेस का वोट शेयर कम नहीं हुआ है जो भविष्य के लिए अच्छा संकेत है।” उन्होंने दोहराया कि कांग्रेस सरकार के खिलाफ कोई ‘सत्ता विरोधी’ लहर नहीं थी। उन्होंने भाजपा के नेताओं पर झूठ की राजनीति करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “भाजपा के नेताओं ने झूठ बोला। हम विकास और सरकार के कामकाज के मुद्दे पर चुनाव लड़ रहे थे जबकि भाजपा झूठ बोल रही थी।”
युवाओं को बागडोर सौंपी जानी चाहिए
पूर्व उपमुख्यमंत्री पायलट ने कहा कि सभी लोगों ने बहुत मेहनत की इसके बावजूद कुछ कमियां रहीं और उसे स्वीकार करना होगा। उन्होंने कहा, “क्या कमियां रहीं, उन्हें कैसे जा सुधारा जा सकता है, इस पर हमें ध्यान देना होगा। आत्ममंथन करना होगा।” पिछले साल 25 सितंबर को कांग्रेस विधायक दल की बैठक नहीं हो पाने के घटनाक्रम संबंधी सवाल को पायलट ने यह कहते हुए टाल दिया कि वह वह उन विषयों में नहीं जाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में क्या करना है, इस पर पार्टी निर्णय करेगी। पत्रकारों ने उनसे पार्टी में युवा नेताओं को आगे बढ़ाने के बारे में पूछा तो पायलट ने यह भी कहा कि वह हमेशा युवाओं को आगे बढ़ाने के पक्ष में रहे हैं। उन्होंने कहा, “युवाओं को बागडोर सौंपी जानी चाहिए ताकि हम युवा पीढ़ी को विश्वास में ले सकें।” (एजेंसी)