Farooq Abdullah
फारूख अब्दुल्ला

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जयपुर. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की लंदन में की गई टिप्पणियों को लेकर संसद में सत्तापक्ष और विपक्ष में जारी गतिरोध के बीच नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार को यहां कहा कि अगर उन्होंने ‘‘कुछ गलत कहा हैं तो उन्हें संसद में बोलने का मौका दिया जाना चाहिए।”

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में लोगों को बोलने का अवसर दिया जाना चाहिए। अब्दुल्ला ने यहां एक कार्यक्रम में कहा ‘‘राहुल गांधी ने ये बोल दिया वो बोल दिया.. अगर उसने (राहुल गांधी) ने कोई बाल गलत बोल दी है उसे मौका दीजिये संसद में बोलने का.. जब वो बोलेगा और अगर उसके बाद आपको दिखता है कि नहीं उसने कुछ इस तरह का मामला उठाया है तो सवाल कीजिए उससे। यही तो लोकतंत्र है।”

उन्होंने कहा कि संसद लोगों के मुद्दों पर चर्चा के लिए है। उन्होंने कहा, ‘‘हम सरकार को गिरा नहीं सकते, लेकिन हम इस मुद्दे को उठा सकते हैं और सरकार से जवाब मांग सकते हैं, और कुछ समाधान मिल सकता है।”

किसी दल या नेता का नाम लिए बिना राजस्थान की राजनीतिक स्थिति पर टिप्पणी करते हुए अब्दुल्ल ने कहा कि नेताओं को एकजुट करने की जरूरत है तभी राज्य बचेगा। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री पद को लेकर दिसंबर 2018 में कांग्रेस के प्रदेश की सत्ता में आने के बाद से ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच अनबन चल रही है और दोनों नेताओं के बीच का विवाद कई बार सामने आ चुका है।

नेकां प्रमुख ने कहा, ‘‘राजस्थान में देखिये.. दो की जंग है.. अगर हमने इसको नहीं देखा और गरूर में आ गये कि कि मैं हूं..मेरे बगैर कुछ नहीं हो सकता.. जब यह घमंड आ जाता है तो यह घमंड इंसान को डूबो देता है। मेरा आप सब से भी अनुरोध है (जो राजस्थान से है) नेताओं को एक करने की कोशिश कीजिये.. इनकी दूरियां कम कीजिये तब राजस्थान बचेगा …नहीं तो राजस्थान डूब जायेगा।”

जयपुर के पिंक सिटी प्रेस क्लब में एक संगठन ने मुस्लिम नेताओं का सम्मेलन आयोजित किया था जिसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद, कांग्रेस विधायक रफीक खान और अमीन कागजी भी शामिल हुए। अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि मुसलमानों को हिंदुओं को दुश्मन के रूप में नहीं देखना चाहिए क्योंकि देश में जो कुछ हो रहा है उससे बहुसंख्यक हिंदू भी दिल में दर्द महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘कुछ ही लोग ऐसे होते हैं जिनकी सोच गलत होती है।”

अब्दुल्ला ने कहा कि नफरत के बजाय एकजुट होकर प्यार को आगे बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने आरोप लगाया कि संविधान को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत एक बड़ा देश है और इसे कोई खतरा नहीं था, लेकिन यह परीक्षा की घड़ी थी, और यह वक्त गुजर जाने के बाद ‘‘भारत फिर से भारत बन जाएगा।” वहीं, सलमान खुर्शीद ने कहा कि लोगों में गलतफहमी फैलाई जा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘यदि देश में हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई सभी एक साथ मिलकर रहेंगे, तो देश मजबूत होगा। अगर हम टूटेंगे तो देश बिखर जाएगा।”

इस बीच उत्तर प्रदेश के बसपा सांसद कुंवर दानिश अली द्वारा मीडिया के खिलाफ की गई टिप्पणी पर मीडियाकर्मियों द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद कार्यक्रम में हंगामा हो गया। मीडिया ने सांसद की चुनिंदा बयान के खिलाफ सम्मेलन का बहिष्कार किया और जब अली संबोधित कर रहे थे तो सभागार से बाहर चले गए। इससे पहले फारूक अब्दुल्ला ने संबोधित किया था।

मीडियाकर्मियों के जाने के सभागार से बाहर चले जाने के बाद सलमान खुर्शीद और आयोजक बाहर निकले और मीडिया से कार्यक्रम में लौटने का अनुरोध किया। इस पर मीडियाकर्मी लौट आए और सांसद से माफी की मांग की, वहीं पर सांसद और मीडियाकर्मियों के बीच मंच पर तीखी नोकझोंक हुई, जिसके बाद मीडियाकर्मियों ने फिर से कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया। (एजेंसी)