दो दिन बढ़ाई गई कांग्रेस विधायक मामन खान की पुलिस हिरासत, नूंह में मोबाइल इंटरनेट फिर सस्पेंड

नूंह: कांग्रेस विधायक मामन खान की पुलिस हिरासत एक अदालत ने रविवार को दो दिन बढ़ा दी। खान को हरियाणा के नूंह जिले में 31 जुलाई को हुई सांप्रदायिक हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है। इस बीच, राज्य सरकार ने जिले में मोबाइल इंटरनेट और ‘बल्क एसएमएस’ सेवाओं को मंगलवार आधी रात तक फिर से निलंबित करने का आदेश दिया है।

अधिकारियों ने बताया कि नगीना थाने में दर्ज एक प्राथमिकी के सिलसिले में खान की हिरासत दो दिन बढ़ा दी गई है।  नूंह में सांप्रदायिक झड़पों के बाद एक अगस्त को दर्ज एक प्राथमिकी में आरोपी के तौर पर नामजद फिरोजपुर झिरका के विधायक खान को बृहस्पतिवार देर रात राजस्थान से गिरफ्तार किया गया था। उक्त प्राथमिकी में खान के खिलाफ धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने के आरोप हैं।

पुलिस ने शुक्रवार को खान को यहां एक अदालत में पेश करने के बाद उनकी दो दिन की हिरासत हासिल की थी। अधिकारियों ने बताया कि हिरासत के दौरान, पुलिस ने खान का मोबाइल फोन और लैपटॉप अपने कब्जे में ले लिया था और सबूत के लिए उनके सोशल मीडिया अकाउंट की समीक्षा की थी। रविवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट-सह-ड्यूटी मजिस्ट्रेट के सामने पेश करने के बाद, पुलिस ने नूंह हिंसा के संबंध में दर्ज तीन और मामलों के संबंध में पूछताछ के लिए खान की पांच दिन की हिरासत का अनुरोध किया। अदालत ने कांग्रेस विधायक की पुलिस हिरासत दो दिन और बढ़ा दी।

पुलिस प्रवक्ता कृष्ण कुमार ने कहा, ‘‘हमने आरोपी विधायक को अदालत में पेश करने के बाद फिर से दो दिन की हिरासत पर लिया है और आगे की जांच जारी है।” इस बीच, रविवार शाम चंडीगढ़ में जारी एक आदेश में, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) टी वी एस एन प्रसाद ने कहा कि ऐसे प्रदर्शनकारियों की भीड़ को एकत्रित करने के लिए मोबाइल फोन पर व्हाट्सऐप, फेसबुक, ट्विटर आदि जैसे विभिन्न सोशल मीडिया मंच और एसएमएस के माध्यम से गलत सूचना और अफवाहों के प्रसार को रोकने के लिए मोबाइल इंटरनेट और ‘बल्क एसएमएस’ सेवाओं (बैंकिंग और मोबाइल रीचार्ज को छोड़कर) को निलंबित कर दिया गया है, जो हिंसा के माध्यम से निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचा सकती है।

आदेश के मुताबिक, 17 सितंबर की शाम 6 बजे से 19 सितंबर की रात 11:59 बजे तक नूंह में मोबाइल इंटरनेट और बल्क एसएमएस सेवाएं निलंबित रहेंगी। खान की गिरफ्तारी के कुछ घंटे बाद, हरियाणा सरकार ने शुक्रवार को नूंह में दो दिन के लिए मोबाइल इंटरनेट और बल्क एसएमएस सेवाओं को निलंबित करने का आदेश दिया था। नया आदेश “हरियाणा राज्य में जिला नूंह के अधिकार क्षेत्र में शांति और सार्वजनिक व्यवस्था की किसी भी गड़बड़ी को रोकने के लिए जारी किया गया है और यह 17 सितंबर (शाम छह बजे) से 19 सितंबर (रात 11:59 बजे) तक प्रभावी रहेगा।”

इससे पहले, नूंह में पुलिस ने कहा था कि हिंसा जिले में मुख्य रूप से तीन से चार स्थानों पर हुई थी। नूंह के पुलिस अधीक्षक नरेंद्र बिजारणिया ने शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि नगीना के बड़कली चौक के आसपास हुई हिंसा की घटनाओं की जांच के दौरान, कुछ आरोपियों से पूछताछ की गई और ‘‘विधायक का नाम सामने आया।” कांग्रेस विधायक पर लगे आरोपों पर उन्होंने कहा, ‘‘नगीना के बड़कली चौक पर हुई तोड़फोड़ और आगजनी में उन पर लोगों के साथ ही हिंसा भड़काने का आरोप है।” यह पूछे जाने पर कि क्या ऐसा कोई सबूत सामने आया है जो सांप्रदायिक हिंसा के पीछे किसी बड़ी साजिश में खान की संलिप्तता की ओर इशारा करता हो, पुलिस अधीक्षक ने कहा था, ‘‘अब तक जो विवरण सामने आए हैं, उससे उनकी संलिप्तता सामने आई है।”

उन्होंने कहा कि बड़कली चौक हिंसा में कई लोग घायल हो गए थे और पुलिस के वाहनों सहित कई सरकारी वाहन क्षतिग्रस्त हो गए थे तथा एक तेल मिल में आग लगा दी गई थी। इकत्तीस जुलाई को नूंह में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के नेतृत्व में निकाली गई शोभायात्रा पर भीड़ द्वारा हमला किया गया था। हिंसा में छह लोग मारे गए थे। बाद में, गुरुग्राम में एक मस्जिद पर हुए हमले में एक इमाम की मौत हो गई थी।

हिंसा के बाद कई प्राथमिकी दर्ज की गईं, जिनमें से एक प्राथमिकी एक अगस्त को नूंह के एक थाने में दर्ज की गई थी। एक अगस्त की प्राथमिकी के संबंध में खान को सीआरपीसी की धारा 160 के तहत एक नोटिस जारी किया गया था। इस बीच, कांग्रेस की हरियाणा इकाई ने रविवार को आरोप लगाया कि उसके विधायक मामन खान की गिरफ्तारी ‘‘राजनीति से प्रेरित” है। कांग्रेस ने 31 जुलाई की नूंह हिंसा की उच्च न्यायालय के किसी न्यायाधीश की निगरानी में न्यायिक जांच की मांग की। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा और हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदय भान ने एक संयुक्त बयान जारी कर सरकार से सवाल किया कि वह ‘‘न्यायिक जांच से क्यों घबरा रही है।” (एजेंसी)