नई दिल्ली: मणिपाल यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर द्वारा एक छात्र को क्लासरूम में कसाब कहने का मामला जमकर तूल पकड़ रहा है। इस बीच, इस मामले पर कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने अलग ही बयान दिया है। उन्होंने कहा कि, ये कोई मुद्दा नहीं है। लगभग हर रोज रावण, शकुनि जैसे शब्दों का इस्तेमाल होता है। उन्होंने यह भी कहा कि, यहां तक कि विधानसभा में भी इस तरह की कई बार बातें हो चुकी हैं। तो वहीं जब कसाब के बारे में बोला जाता है तो ये मुद्दा बन जाता है।
बता दें कि, सोमवार (28 नवंबर) को उडुपी की मणिपाल यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर ने क्लास रूम में एक छात्र से उसका नाम पूछा, जब उसने अपना नाम बताया। तब प्रोफेसर ने लडके का मुस्लिम नाम सुनने के बाद उससे कथित तौर पर कहा कि अच्छा तो आप कसाब जैसे हैं। हालांकि, जब छात्र ने इसका विरोध किया तब प्रोफेसर ने उससे माफी भी मांगी। लेकिन इस मामले ला वीडियो वायरल हो गया। जिसके बाद प्रशासन ने हरकत में आते हुए प्रोफेसर को सस्पेंड कर दिया गया। गौरतलब है कि, मुंबई में हुए 26 /11 के आतंकी हमले में इकलौता आतंकी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ा गया था, जिसे साल 2012 में फांसी दे दी गई थी।
प्रोफेसर का बचाव करते नजर आए शिक्षा मंत्री बीसी नागेश
इस मामले को लेकर कर्णाटक के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश मणिपाल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर का बचाव करते नजर आए। शिक्षा मंत्री ने कहा कि, प्रोफेसर को इस तरह की बात नहीं कहनी चाहिए थी, लेकिन अब इसका राजनीतिकरण हो रहा है और एक वोट बैंक को निशाना बनाया जा रहा है। नागेश ने कहा कि, ‘ये मुद्दा नहीं है। हम लोग रावण और शकुनि जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं लेकिन कसाब के बारे में बोला गया तो ये मुद्दा बन गया।’