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लखनऊ: लव जेहाद पीड़िताओं के साक्षात्कार और शोध पर आधारित फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ (The Kerala Story) एक तरफ जहां मलयाली राज्य में व्याप्त धर्मांतरण का दर्द बयां कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ इस मुद्दे पर योगी सरकार (Yogi Govt.)के कड़े कदमों की सराहना हो रही हैं। इसकी वजह योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath Government) द्वारा उत्तर प्रदेश में लव जेहाद और धर्मांतरण पर लगाया गया अंकुश है। पिछली सरकारों की कार्यप्रणाली लचर थी, जिससे पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पाता था। योगी सरकार ने 27 नवंबर 2020 को यूपी में विधि विरुद्ध धर्म सम्परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश-2020 कानून लागू किया, फिर लव जेहाद और धर्मांतरण के आरोपियों के खिलाफ पुरजोर कार्रवाई कर नजीर पेश की। 

उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, यूपी में एक जनवरी 2021 से 30 अप्रैल 2023 तक धर्मांतरण से जुड़े 427 मामले दर्ज किए गए। इसमें अब तक 833 से ज्यादा गिरफ्तारी भी हो चुकी है। 185 मामलों में पीड़िताओं ने न्यायालय के समक्ष जबर्दस्ती धर्म बदलवाने की बात भी कबूल की है। वहीं नाबालिगों के धर्मांतरण के अब तक 65 मामले दर्ज किए गए हैं। 

बरेली जोन में दर्ज किए गए सर्वाधिक मामले 

यूपी में धर्म परिवर्तन से जुड़े कुल 427 मामले दर्ज किए गए। इसमें बरेली जोन में सर्वाधिक 86 मुकदमे दर्ज हुए। गोरखपुर में 59, लखनऊ में 53, मेरठ में 47, प्रयागराज में 46, वाराणसी में 39 मामले दर्ज किए गए। कमिश्नरेट की बात करें तो लखनऊ में 20,  कानपुर में 19, प्रयागराज में 13, नोएडा में 10 मामले दर्ज किए गए। प्रयागराज में 299, बरेली में 235, लखनऊ जोन में 153,  मेरठ में 141, वाराणसी में 135, गोरखपुर में 128 नामजद एफआईआर दर्ज की गई। 

प्रयागराज जोन में 121 मामले प्रकाश में आए, सर्वाधिक गिरफ्तारी भी हुई  

योगी सरकार की नजर से धर्मांतरण के दोषी बच नहीं पाए। उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की गई। प्रयागराज जोन में सर्वाधिक 121 मामले प्रकाश में आए। लखनऊ में 34, बरेली में 28, आगरा में 27, गोरखपुर और वाराणसी जोन में 16-16 मामलों का पता चला। वहीं आरोपियों की गिरफ्तारी पर नजर दौड़ाएं तो सबसे अधिक आरोपी प्रयागराज जोन से ही गिरफ्तार भी हुए। इन मामलों में कार्रवाई करते हुए प्रयागराज जोन की पुलिस ने 163 आरोपियों को धर-दबोचा। बरेली में 137 गिरफ्तारियां की गईं। लखनऊ में 124, वाराणसी में 101, गोरखपुर में 81, मेरठ में 65, आगरा जोन में 37, कानपुर में धर्मांतरण के 21 आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़े।  

धर्मांतरण से 18 वर्ष से कम के 65 पीड़ित  

धर्मांतरण के आरोपियों पर सीएम योगी की टेढ़ी नजर है। नाबालिगों के धर्मांतरण के अब तक 65 मामले दर्ज किए गए। नाबालिगों के धर्मांतरण से जुड़े 12 मामले मेरठ जोन, 10 गोरखपुर, 9 बरेली, 5  आगरा व 4-4 मामले लखनऊ और प्रयागराज में वाराणसी जोन में भी दो नाबालिगों के धर्म परिवर्तन के केस दर्ज किए गए। कमिश्नरेट लखनऊ में 5, कानपुर- गाजियाबाद में 4-4, प्रयागराज में 3 और नोएडा में 2 मामले दर्ज हैं। यूपी पुलिस के सख्त रवैये से विवेचनाधीन मामलों का भी तेजी से निस्तारण हो रहा है। लखनऊ जोन में 13 और गोरखपुर जोन में 12 मामले ही विचाराधीन हैं। शेष प्रयागराज में 9, बरेली में 8, मेरठ में 3 और वाराणसी में दो मामलों में विवेचना चल रही है। इनके भी तेजी से निस्तारण की कार्रवाई हो रही है। 

185 पीड़िताओं ने जबर्दस्ती धर्म परिवर्तन करवाए जाने की बात कबूली 

विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश-2020 के मुताबिक, एक जनवरी 2021 से 30 अप्रैल 2023 के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो 185 पीड़िताओं ने न्यायालय के समक्ष जबर्दस्ती धर्म परिवर्तन करवाए जाने की बात कबूली है। बरेली में 47, मेरठ में 32, प्रयागराज में 13, गोरखपुर में 12, आगरा में 11, लखनऊ में 10 और वाराणसी जोन की 10 पीड़िताओं ने न्यायालय में जबर्दस्ती धर्म परिवर्तन करवाए जाने की बात कबूल की है। सीएम से मिली द केरल स्टोरी की टीम ने यूपी के कानून विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश- 2020 की सराहना की। 

धर्मांतरण कराने वालों को मिलेगी यह सजा 

उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण कराने वालों पर योगी सरकार की सख्ती का असर है कि ऐसे मामले अब नजर नहीं आ रहे। प्रदेश में 27 नवंबर 2020 में गैर कानूनी धार्मिक रूपांतरण निषेध कानून लागू किया गया। इसके तहत यूपी में धर्मांतरण कानून के तहत दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को अपराध की गंभीरता के आधार पर 10 साल तक की जेल हो सकती है। कानून में जुर्माने की राशि 15 हजार से 50 हजार तक है। अंतर-धार्मिक विवाह करने वाले जोड़ों को शादी करने से दो महीने पहले जिला मजिस्ट्रेट को सूचित करना होता है। जबरन धर्म परिवर्तन कराने पर न्यूनतम 15 हजार रुपए के जुर्माने के साथ एक से पांच साल की कैद का प्रावधान है। एससी/एसटी समुदाय के नाबालिगों और महिलाओं के धर्मांतरण पर तीन से 10 साल की सजा का प्रावधान है। जबरन सामूहिक धर्मांतरण के लिए तीन से 10 साल जेल और 50 हजार रुपये जुर्माना लगेगा। कानून के मुताबिक अगर विवाह का एकमात्र उद्देश्य महिला का धर्म परिवर्तन कराना था, तो ऐसी शादियों को अवैध करार दिया जाएगा।

सीएम योगी आदित्यनाथ से मिली ‘द केरल स्टोरी’ की टीम 

‘द केरल स्टोरी’ फिल्म के निर्माता विपुल शाह, निर्देशक सुदीप्तो सेन, अभिनेत्री अदा शर्मा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके आवास पर मुलाकात की। टीम ने फिल्म को लेकर चर्चा की। निर्माता विपुल शाह ने सीएम योगी आदित्यनाथ से फिल्म देखने का आग्रह किया। इस दौरान वीर कपूर भी रहे। केरल में बड़े पैमाने पर हिंदू महिलाओं के धर्मांतरण और उन्हें आतंकी गतिविधियों में लिप्त किए जाने पर आधारित ‘द केरल स्टोरी’ की टीम ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से चर्चा भी की और योगी सरकार के लव जेहाद और धर्मांतरण को रोकने को लेकर बने कानून (विधि विरूद्ध धर्म सम्परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश-2020) व कार्रवाईयों की सराहना की। सीएम योगी मंत्रिमंडल के साथ इस फिल्म का अवलोकन भी करेंगे। सीएम ऑफिस से दो दिन पहले किए गए ट्वीट में लिखा गया है कि सीएम योगी अपने पूरे मंत्रिमंडल के साथ 12 मई 2023 को लखनऊ में ‘द केरल स्टोरी’ फिल्म देखेंगे।