डिप्टी सीएम केशव मौर्य के निर्देश, मनरेगा श्रमिकों को उनके वर्क साइट पर ही बैंकिंग सखियों के माध्यम से भुगतना कराया जाए

    Loading

    लखनऊ : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Deputy Chief Minister Keshav Prasad Maurya) ने कहा है कि मनरेगा (MNREGA) में मजदूरों (Laborers) और मेटों (Metes) आदि का समय से भुगतान (Payment) हर हाल में सुनिश्चित किया जायेगा। मनरेगा में किसी भी दशा में पैसे की कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार का मुख्य उद्देश्य है कि लोगों को उनके घर के पास ही रोजगार मिले और रोजगार के लिए कहीं पलायन न करना पड़े। उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि बैंकिंग सखियों के माध्यम से अधिक से अधिक मनरेगा मजदूरों को उनके वर्क साइट पर ही भुगतना कराया जाए। बी सी सखियों को ई-पास मशीन दी गयी है। कहा कि प्रदेश सरकार मनरेगा श्रमिकों के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है और श्रमिको द्वारा कार्य की मांग के सापेक्ष कार्य उपलब्ध कराए जाने हेतु प्रतिबद्ध है। प्रदेश सरकार मनरेगा श्रमिकों को अकुशल श्रम उपलब्ध कराने के साथ-साथ व्यक्तिगत लाभार्थीपरक योजनाओं का लाभ भी दे रही है। मौर्य ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि अकुशल श्रमिकों को ‘उन्नत’ योजना के तहत प्रशिक्षित कराया जाय ताकि वह अपने क्षेत्र में कुशल कारीगर बनकर मनरेगा में कार्य करें और उन्हें कुशल कारीगर का पारिश्रमिक प्राप्त हो सके।

    प्रदेश में कुल 62.45 लाख श्रमिकों द्वारा कार्य किया गया

    बताया कि प्रदेश के मनरेगा श्रमिकों द्वारा उनके किए गए काम के सापेक्ष ससमय भुगतान हेतु रुपए 4,83,134 करोड़ की धनराशि की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। ग्राम्य विकास आयुक्त एस प्रियदर्शी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में कुल लक्षित मानव दिवस 26.00 करोड़ के सापेक्ष 17.19 करोड़ मानव दिवस सृजित किया जा चुका है। प्रदेश में कुल 62.45 लाख श्रमिकों द्वारा कार्य किया गया है। जिसमें उन्हें रुपए 3,68,944 करोड़ धनराशि का भुगतान श्रमान्श के रूप में किया जा चुका है। 

    वर्तमान वित्तीय वर्ष में प्रदेश सरकार द्वारा रुपए 5,69,816 करोड़ का भुगतान श्रम और सामग्री में किया जा चुका है। अपर आयुक्त मनरेगा योगेश कुमार केंद्र सरकार से प्रदेश सरकार को अधिक से अधिक धन मनरेगा योजना में प्राप्त हो, इसके लिए राज्य सरकार प्रयास कर रही है, जिससे अधिकांश परिवारों को 100 दिवस का रोजगार उपलब्ध कराया जा सके।