श्री काशी विश्वनाथ धाम देगा पर्यावरण संरक्षण का संदेश

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    वाराणसी: श्री काशी विश्वनाथ धाम  (Shri Kashi Vishwanath Dham) का भव्य, दिव्य और अलौकिक स्वरूप अब पुनः दिख रहा है। बाबा विश्वनाथ और मां गंगा (Maa Ganga) एक बार फिर  एकाकार हो रही  है। वहीं बाबा का आनंद वन फिर से पेड़-पौधों से  गुलजार होगा। बाबा के आंगन में उनके प्रिय पौधे लगाए जा रहे हैं। मंदिर परिसर से लेकर मंदिर चौक और गंगा किनारे तक ये वृक्ष हरियाली बिखेरेंगे। इसके लिए गुलाबी पत्थरों के बीच में विशेष प्रबंध किया गया है। इसके साथ ही बाबा विश्वनाथ धाम पर्यावरण संरक्षण (Environmental Protection) का संदेश (Message) पूरी दुनिया को देगा।

    बाबा विश्वनाथ धाम के आंगन में गुलाबी पत्थरों की आभा  के बीच हरियाली का भी ध्यान रखा गया है।  महादेव के प्रांगण में ऐसे पौधे लगाए जा रहे हैं जो देवाधिदेव महादेव को अत्यंत  प्रिय हैं। वाराणसी के मंडलायुक्त और काशी विश्वनाथ मंदिर कार्यपालक समिति के अध्यक्ष दीपक अग्रवाल ने बताया कि श्री काशी विश्वनाथ धाम के पांच लाख वर्गफीट में महादेव का सबसे प्रिय पौधा रुद्राक्ष लगाया जा रहा है।  इसके अलावा पारिजात, अशोक, बेल के पौधे भी बाबा के आंगन में हरियाली बिखेरेंगे। मां गंगा में श्रद्धा के गोते लगाकर श्रद्धालु जब जल लेकर बाबा के दरबार की तरफ़ आस्था के क़दम बढ़ाएंगे, तब उनको दोनों तरफ हरियाली का दिखेगी। बाबा का धाम ही पर्यावरण संरक्षण में भी मददगार होगा।   

    पौधों को लगाने  के लिए किया गया विशेष प्रबंध

    पौधों को लगाने  के लिए विशेष प्रबंध किया गया  है। मार्बल, ग्रेनाइट और  चुनार के गुलाबी पत्थरों के बीच जमीन में चार फीट व्यास के गड्ढे बनाए गए हैं। इन गड्ढों में छह से पंद्रह  फीट तक के पेड़-पौधे लगाए जा रहे हैं। भारत की नई पहचान श्री काशी विश्वनाथ धाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  13 दिसम्बर को शिवभक्तों को समर्पित करेंगे। इस भव्य और दिव्य आयोजन को अलौकिक और ऐतिहासिक रूप देने में  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जुटे हैं।