स्मार्ट शहरों वाला यूपी बनाने के लिए योगी सरकार ने खोला खजाना

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    लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में स्मार्ट शहरों (Smart Cities) की लम्बी श्रृंखला बनाने में जुटी योगी सरकार (Yogi Government) ने अपने द्वितीय कार्यकाल के पहले वित्तीय बजट (Budget) में नगर विकास विभाग को बड़ी सौगात दी है। सरकार का मुख्य फोकस स्मार्ट सिटी योजना (Smart City Plan) के तहत शहरों को सुंदर, स्वच्छ बनाने पर है। शहरों में बसने वाली जनता को मूलभूत सभी सुविधाएं उपलब्ध कराना भी सरकार का उद्देश्य है। इस कार्य को आगे बढ़ाते हुए बजट सत्र के दौरान प्रदेश सरकार ने केन्द्र स्मार्ट सिटी के तहत चयनित 10 शहरों के लिए 2,000 करोड़ रुपए और राज्य स्मार्ट सिटी में चयनित 7 शहरों के लिए 210 करोड़ रुपए की व्यवस्था की है। 

    सीएम योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में विकास के पथ पर आगे बढ़ रहे यूपी में स्मार्ट सिटी मिशन योजना बड़ी उपलब्धि हासिल कर रही है। देश के प्रथम 20 शहरों में प्रदेश के पांच शहर शामिल हो चुके हैं। इसलिए सरकार ने इस योजना को वृहद रूप देने के लिए बजट में अधिक प्राविधान किया है। इसके साथ ही बजट में सरकार ने प्रदेश में नवसृजित उच्चीकृत और विस्तारित नगर निकायों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए 550 करोड़ रुपए की भी व्यवस्था की है। नगर विकास विभाग को प्रधानमंत्री आवास योजना-सबके लिये आवास (शहरी) योजना के लिए 10,127 करोड़ 61 लाख रुपए का बजट प्रस्तावित किया है। 

    मलिन बस्तियों और नगर पंचायतों को मिलेगी और अधिक सुविधाएं

    योगी सरकार ने प्रदेश में मलिन बस्तियों के विकास और नगर पंचायतों में सुविधाओं को बढ़ाने के लिए बजट में प्राविधान किया है। नगर पंचायतों के विकास के लिए सरकार ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय आदर्श नगर पंचायत योजना के तहत  200 करोड़ रुपए और मुख्यमंत्री नगरीय अल्प विकसित और मलिन बस्ती योजना के लिए बजट में 215 करोड़ रुपए की व्यवस्था की  गई है।

    स्वच्छ भारत मिशन के लिए बड़ी सौगात

    योगी सरकार ने प्रदेश में भारत सरकार की स्वच्छ भारत मिशन (नगरीय) योजना के लिए बजट में 1353 करोड़ 93 लाख रुपए प्रस्तावित किए हैं। सरकार की मंशा योजना के तहत शहरों को और अधिक स्वच्छ बनाने की है। 

    बजट में अमृत योजना को मिले 2200 करोड़ रुपए

    भारत सरकार की प्रत्येक घर को नल के माध्यम से शुद्ध पेयजल की सुविधा दिए जाने की योजना को रफ्तार देने के लिए सरकार ने बजट जारी किया है। अमृत 2.0 के लिए 2,000 करोड़ रुपए प्रस्तावित किए हैं, जबकि पूर्व से चल रही अमृत योजना के कार्यों के लिए 2200 करोड़ रुपए की बजट में व्यवस्था की है। 

    कान्हा गौशाला और बेसहारा पशु आश्रय योजना तेजी से बढ़ेगी आगे

    सरकार का प्रयास बेसहारा पशुओं का आश्रय देना है। ग्राम पंचायतों में पशुओं के लिए कान्हा गोशाला और पशु आश्रय स्थल खोले जा रहे हैं। सरकार ने बजट में  इसके लिए बजट में कान्हा गौशाला और बेसहारा पशु आश्रय योजना के लिए 100 करोड़ रुपए की व्यवस्था की है।