(Image-Twitter)
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    नई दिल्ली: अब तक पानी के किनारे बिकिनी में महिलाओं को कई बार आपने फिल्मों में या फिर असल जिंदगी में देखा होगा,  जैसा कि हम सब जानते है यूरोपीय देशों में समंदर के किनारे ये नज़ारा बेहद आम है। महिलाएं बड़े ही आराम से बिकिनी में सनबाथ लेती हुई नजर आती हैं, जबकि इसकी तरह-तरह की वरायटीज़ उनकी पसंद और नापसंद से मुताबिक बाजार में मौजूद हैं। वैसे, जिन यूरोपीय देशों में बिकिनी को महिलाओं की स्वच्छंदता, पसंद से जोड़कर देखा जा रहा है, लेकिन आपको बता दें कि एक वक्त ऐसा भी था जब इस ड्रेस को लेकर वहां अलग किस्म का माहौल था। जी हां जिसके बारे में आप जानकर दंग रह जाएंगे। आइए जानते है पूरी खबर… 

    बिकिनी पर काटता था चालान 

    आपको बता दें कि साल 1957 के दौर में तमाम ऐसे यूरोपीय देश थे, जहां महिलाओं को लोग बिकिनी में नहीं देखते थे। सार्वजनिक तौर पर अगर वे इस ड्रेस में दिखाई भी दे जाएं, तो उन्हें चालान के तौर पर सज़ा मिलती थी। इस वक्त सोशल मीडिया पर इससे जुड़ी हुई एक तस्वीर भी वायरल हो रही है, जिसमें बिकिनी पहनने की वजह से महिला का चालान काटा जा रहा है। इस तस्वीर को देख हर कोई दंग है।

    सार्वजनिक स्थल पर बिकिनी पहनना जुर्म 

    इंज दिनों सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर @historyinmemes नाम के अकाउंट से एक तस्वीर ट्वीट की गई है, जिसमें एक महिला बिकिनी में खड़ी है और पुलिस अफसर कागज पर कुछ लिख रहा है। ये तस्वीर ब्लैक एंड व्हाइट है क्योंकि 1957 में खींची गई है. इसके साथ कैप्शन में जानकारी दी गई है कि 1957 में इटली के एक बीच पर महिला को बिकिनी पहनने के लिए चालान दिया जा रहा है। उस वक्त पब्लिक प्लेसेज़, खासतौर पर फ्रेंच अटलांटिक कोस्टलाइन, स्पेन, इटली और पुर्तगाल में बिकिनी पहनने पर पाबंदी थी।

     

    जानें किसने बनाई महिलाओं के लिए बिकनी 

    इस बोल्ड ड्रेस को महिलाओं के लिए फ्रांसीसी ऑटोमोबाइल इंजीनियर और ड्रेस डिज़ाइनर लुई रेर्ड ने 1946 में तैयार किया था. वे आधिकारिक तौर पर इस सूट को डिज़ाइन करने वाले इसका नाम बिकिनी रखने वाले शख्स थे। इसे सबसे पहले 19 साल की मॉडल मिशेलिन बर्नार्डिनी लुइस ने पहना था। इसका नाम अमेरिका के बिकिनी एटोल जगह के नाम पर रखा गया था.. अब भले ही बिकिनी खुलेआम महिलाएं पहन रही हों लेकिन संयुक्त अरब अमीरात में रास अल-खैमाह में अब भी बिकिनी पर पूरी तरह प्रतिबंध है।