Rani Durgavati University , jabalpur
रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय मामला (डिजाइन फोटो)

Loading

जबलपुर: अक्सर छात्र जब बिना पढ़ाई किये एग्जाम 9Exam) देने पहुंचते है तो मन में यही उम्मीद होती है की बस किसी तरह गड़बड़ी हो जाए और परीक्षा टल जाए। लगता है उनकी इस इच्छा को रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय (Rani Durgavati University) ने पूरा कर दिया है। 

दरअसल, मध्य प्रदेश के (Madhya Pradesh) जबलपुर (Jabalpur) शहर के रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में 5 मार्च, 2024 को होने वाले MSc कंप्यूटर साइंस फर्स्ट सेमेस्टर के पेपर (MSc Computer Science First Semester Exam) को आयोजित करना भूल गई। हालांकि सभी छात्रों को पहले ही एडमिट कार्ड मिल चुके थे। 

क्या है मामला?

ये मामला तब सामने आया जब रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में स्टूडेंट्स ने परीक्षा न होने पर हंगामा किया। इन स्टूडेंट्स का आरोप था कि यूनिवर्सिटी एमएससी कंप्यूटर साइंस (MSc Computer Science) फर्स्ट सेमेस्टर का पेपर कराना भूल गई, जिसका शेड्यूल और एडमिट कार्ड यूनिवर्सिटी ने जारी कर दिया था। 

रिपोर्ट्स के मुताबिक NSUI का आरोप है कि अगर पेपर रद्द किया गया था तो इसकी सूचना उन सभी स्टूडेंट्स को दी जानी चाहिए थी, जिन्हें पहले एडमिट कार्ड जारी किए गए थे। लेकिन, यूनिवर्सिटी ने ऐसा नहीं किया, जिससे स्टूडेंट्स को परेशानी का सामना करना पड़ा। 

ऐसा था टाइम-टेबल 

बताया जा रहा है की यूनिवर्सिटी ने एमएससी केमिस्ट्री थर्ड सेमेस्टर, कंप्यूटर साइंस फर्स्ट सेमेस्टर और कंप्यूटर साइंस थर्ड सेमेस्टर 2023-24 का टाइम टेबल 14 फरवरी 2024 को जारी किया था. तीनों कोर्स की परीक्षाएं 21 फरवरी से 13 मार्च सुबह 8 बजे से 11 बजे तक होनी थीं।  

टाइम टेबल के मुताबिक एमएससी फर्स्ट सेमेस्टर के ‘कंप्यूटर ऑर्गनाइजेशन एंड असेंबली लैंग्वेज’ सब्जेक्ट का पेपर 5 मार्च को होना था। छात्रों को एडमिट कार्ड भी मिल गए थे लेकिन जब मंगलवार सुबह 8 बजे जबलपुर समेत अन्य जिलों से स्टूडेंट्स यूनिवर्सिटी पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि कोई परीक्षा नहीं है और विश्वविद्यालय ने पेपर भी तैयार नहीं किया है। 

नया शेड्यूल जारी

जिसके बाद नाराज छात्रों ने हंगामा किया तो कुलपति डॉ. राजेश वर्मा और रजिस्ट्रार दीपेश मिश्रा ने तुरंत इस परीक्षा का नया शेड्यूल जारी कर दिया। इस अनियमितता की जांच का जवाब देने के लिए परीक्षा आयोजित करने वाले अधिकारियों को तीन दिन का समय दिया गया है। इस परीक्षा में कुल 10 स्टूडेंट शामिल होने वाले थे। मामले के तूल पकड़ते ही  कुलपति ने इस की जांच के आदेश जारी कर दिए है।