US released the list of terrorist organizations, Lashkar-e-Taiba remains in the list

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वाशिंगटन: अमेरिका (America) ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय (International Community) से अपील की है कि वे चीन (China) से कोरोना वायरस (Corona Virus) महामारी के प्रसार के बारे में पारदर्शिता की मांग करें। अमेरिका (America) का आरोप है कि वुहान शहर (Wuhan City) में खतरनाक वायरस की उत्पत्ति के संबंध में चीन विश्व स्वास्थ्य संगठन की जांच में बाधा डाल रहा है। अमेरिका ने चीन के टीकों पर भी सवाल खड़े किये हैं।

अमेरिका में कोरोना वायरस संक्रमण के 1,74,42,100 से ज्यादा मामले हैं और 3,13,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ (Foreign Minister Mike Pompeo) ने शुक्रवार को कहा, ‘‘कोरोना वायरस का पता लगने के करीब एक साल बाद भी चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (Communist Party of China) वायरस के संबंध में गलत जानकारी दे रही है और इस वायरस की उत्पत्ति और प्रसार के संबंध में विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation) की जांच में बाधा डाल रही है।”

उन्होने कहा कि चीन टीकों (Chinese Vaccine) की बिक्री भी कर रहा है जबकि सुरक्षा और उनके प्रभावी होने के संबंध में अनिवार्य आंकड़ों का पता नहीं है क्योंकि क्लीनिकल परीक्षण के दौरान पारदर्शिता नहीं बरती गई। उन्होंने कि चीनी सरकार के इन दोनों कदमों से चीन और दुनिया भर के नागरिकों के लिए खतरा पैदा होता है। पोम्पिओ ने कहा कि दुनिया के देशों को चीन से वायरस की उत्पत्ति और महामारी के प्रसार के संबंध में पारदर्शिता बरतने की मांग करनी चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘’महामारी महज संयोग नहीं है।” इसी बीच अमेरिका ने बृहस्पतिवार को कुछ खास प्रतिष्ठानों पर नए तरह के प्रतिबंध लगाते और कहा कि इनकी गतिविधियां राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति हितों को प्रभावित करती हैं। वाणिज्य विभाग ने 59 चीनी प्रतिष्ठानों को निर्यात नियंत्रण प्रतिष्ठान सूची में शामिल किया है।