कीव: रूस-यूक्रेन जंग (Russia-Ukraine War) को अब एक महीना बीत चुका है। यह जंग जैसे-जैसे लंबी हो रही है, वैसे-वैसे अब सैनिकों का मनोबल टूटा जा रहा है। खासकर रूसी सैनिकों (Russian Troops) की हालात अब ख़राब हो रहे हैं, वह अब अपने घर वापस लौटना चाहते हैं, लेकिन अपने सीनियर्स के दबाव की वजह से वह अब काफी परेशान हो गए हैं। जिसकी वजह से उनका गुस्सा भी फूटने लगा है।
वहीं एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि रूसी कर्नल (Russian Colonel) को उनके ही सैनिकों ने टैंक (Tank) से कुचलकर मार दिया। यह कर्नल भी यूक्रेन युद्ध में सैनिकों की एक टुकड़ी का नेतृत्व कर रहे थे। अपने ही सैनिकों की बगावत की वजह से वह अब इस दुनिया में नहीं रहे हैं। इस जंग ने बहुत से लोगों की ज़िंदगी छीन ली है, जिसकी वजह से रूस को दुनियाभर में काफी आलोचना सहनी पड़ रही है।
कुछ दिन पहले सामने आई थी तस्वीर
‘द सन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, पश्चिमी अधिकारियों ने बताया कि विद्रोही सैनिकों ने अपने कमांडर 37वीं मोटर राइफल ब्रिगेड के यूरी मेदवेदेव (Yuri Medvedev) को जानबूझकर टैंक (Tank) से कुचल दिया। वहीं इस हफ्ते की शुरुआत में सामने आई तस्वीरों में कर्नल मेदवेदेव को स्ट्रेचर पर हॉस्पिटल भी पहुंचाते हुए देखा गया था। कमांडर यूरी कीव के पास मकरिव में घायल हुए थे।
अपने ही कमांडर को उतारा मौत के घाट
रिपोर्ट की मानें तो कमांडर के पैर पर टैंक चढ़ गया था, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। वहीं अब पश्चिमी देशों के अधिकारियों का मानना है कि गंभीर चोटों के चलते उनकी मौत हुई है। जबकि एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि ब्रिगेड कमांडर अपने ही सैनिकों के हाथों मारे गए हैं।
बिगड़ सकते हैं हालात
दरअसल, उनका कहना है कि रूसी सैनिक अब जंग नहीं लड़ना चाहते, वो अब घर वापसी चाहते हैं। अधिकारी ने आगे कहा कि युद्ध में बड़े पैमाने पर हुए नुकसान के बाद ब्रिगेड के सैनिक बागी हो गए थे। इसी वजह से उन्होंने ऐसा खौफनाक कदम उठाया। अधिकारियों का मानना है कि, सैनिकों के इस कदम को देखने के बाद पता चलता है कि रूसी सेना अब मनोबल चुनौतियों का सामना कर रही है। जिसकी वजह से अब हालात और भी ज़्यादा बिगड़ सकते हैं, क्योंकि रुसी देना अब जंग लड़ते-लड़ते थक गई है।