India had insisted for Sri Lankan President to remain in office in 2022 said Gotabaya Rajapaksa
गोटबाया राजपक्षे (File Photo)

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    सिंगापुर: श्रीलंका के अपदस्थ राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के पिछले बृहस्पतिवार को यहां पहुंचने पर सिंगापुर के कुछ लोगों ने मौन प्रदर्शन किया। गोटबाया के बृहस्पतिवार को सिंगापुर पहुंचने के तुरंत बाद पुलिस ने संभावित प्रदर्शनकारियों को कानून तोड़ने के परिणामों को लेकर आगाह किया। पुलिस ने कहा कि जनता, सिंगापुर के नागरिक, निवासी, वर्क पास धारक और सामाजिक आगंतुक समान रूप से स्थानीय कानूनों का पालन करें।  

    ‘द स्ट्रेट्स टाइम्स’ ने रविवार को पुलिस का हवाला देते हुए कहा, ‘‘सार्वजनिक सभा, जो अवैध है उसमें भाग लेने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।” बृहस्पतिवार को बनाई गई चेंज डॉट ओआरजी नामक याचिका में व्यवसायी रेमंड एनजी ने लिखा कि ‘‘सिंगापुर गणराज्य के प्रति निष्ठा” के चलते उन्होंने, धन शोधन के आरोप में राजपक्षे के खिलाफ सिंगापुर में एक पुलिस रिपोर्ट दर्ज कराई है। शनिवार तक, 2,000 से अधिक लोगों ने याचिका पर हस्ताक्षर किए हैं, हालांकि यह ज्ञात नहीं है कि इनमें से कितने विशिष्ट थे या सिंगापुर से थे।  

    सिंगापुर के फैसले पर नाराजगी जाहिर करने के लिए कई श्रीलंकाई लोग ट्विटर पर सिंगापुर सरकार के ट्विटर अकाउंट को टैग भी कर रहे हैं। लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जिनका मानना है कि सिंगापुर को राजपक्षे को प्रवेश की अनुमति देने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि जब वह बृहस्पतिवार को चांगी हवाई अड्डे पर पहुंचे, तब भी वे श्रीलंका के राष्ट्रपति थे। राजपक्षे ने औपचारिक रूप से शुक्रवार को इस्तीफा दिया था।  

    ‘द स्ट्रेट्स टाइम्स’ के अनुसार, इस बीच राजपक्षे को देश में आने देने के सिंगापुर के फैसले के खिलाफ शनिवार को हांग लिम पार्क में स्पीकर्स कॉर्नर पर एक मौन प्रदर्शन किया गया। सिंगापुर सरकार के अनुसार, राजपक्षे को ‘‘निजी यात्रा” पर देश में प्रवेश की अनुमति दी गई है। (एजेंसी)