मुंबई: दया ! कुछ तो गड़बड़ है.. करते-करते सारे मामले को सही कर देने वाले मशहूर क्राइम शो सीआईडी के एसीपी प्रद्युमन उर्फ शिवाजी साटम अभिनय जगत के ऐसे सितारे हैं, जिन्होंने फर्श से लेकर अर्श तक पहुंचने का बेमिसाल उदाहरण पेश किया। बैंक के एक मामूली कैशियर से लेकर अभिनय जगत में अपनी मजबूत पहचान बनाने वाले शिवाजी साटम 21 अप्रैल को अपना जन्मदिन मनाते हैं। शिवाजी साटम के 73वें जन्मदिन पर जानिए उनके बारे में कुछ ख़ास बातें…
सीरियल के बाद फिल्मों में मिला काम
21 अप्रैल, 1950 को मुंबई के माहिम में जन्मे अभिनेता शिवाजी साटम फिल्मों में आने से पहले सेंट्रल बैंक में नौकरी करते थे। उन्हें एक्टिंग का शौक था इसलिए थियेटर भी करते थे। उन्होंने अपनी शुरुआत भी थियेटर से ही की। साल 1980 में टीवी सीरियल ‘रिश्ते-नाते’ से अभिनय की दुनिया में कदम रखा। धीरे-धीरे वो छोटे परदे पर जाना-पहचाना नाम बन गए। इसी के साथ उन्हें फिल्मों में भी काम मिलने लगा। उन्होंने ‘वास्तव’, ‘गुलाम-ए-मुस्तफा’, ‘चाइना गेट’, ‘टैक्सी नंबर 9211’, ‘नायक’, ‘जिस देश में गंगा रहता है’ जैसी कई फिल्मों में काम किया।
घर-घर पहुंचे एसीपी प्रद्युमन
शिवाजी साटम के करियर में एक बड़ा मोड़ तब आया जब उन्हें सोनी टीवी के क्राइम शो सीआईडी में दमदार किरदार निभाने का मौका मिला। इस शो में उनके खास अंदाज और गुनहगार को ढूंढने के तरीकों को दर्शकों ने काफी पसंद किया। उनका ये शो काफी लंबा चला और एसीपी प्रद्युमन के किरदार के जरिए वो घर-घर तक पहुंच गए।
एसीपी प्रद्युमन को अलग रंग में देखने की उम्मीद
कहते हैं हर चीज की तरह सफलता भी स्थाई नहीं होती। सीआईडी के ऑफएयर होने के बाद शिवाजी साटम ने काम ना मिलने की शिकायत की थी तो लोगों को बड़ा ताज्जुब हुआ। लेकिन शिवाजी साटम का कहना था कि एक ही तरह के किरदार निभाकर वो ऊब चुके हैं। उन्हें कोई अलग हटकर रोल देने को तैयार ही नहीं है। खैर, उम्मीद है अभी एसीपी प्रद्युमन के कई और रंग देखने को मिलेंगे।