नई दिल्ली: MHA ने पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों के लिए नागरिकता प्राप्त करने की प्रक्रिया को काफी सरल बना दिया है। इसके तहत कलेक्टर (Collector) को इन लोगों की जांच करने और उन्हें नागरिकता (Citizenship) देने का अधिकार दिया गया है। सरकार के इस फैसले का स्वागत हो रहा है। वहीं इन देशों में रह रहे प्रवासी हिंदुओं को भारत की नागरिकता मिलने में आसानी होगी।
गुजरात (Gujarat) के आनंद जिले के डीएस गढ़वी ने बताया कि हमें MHA ने पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों के लिए भारतीय नागरिकता देने का अधिकारी दिया गया है। इसे प्राप्त करने की प्रक्रिया को काफी सरल बना दिया है।
MHA has made the process of getting citizenship for Hindus, Sikhs, Buddhists, Jains, Parsis & Christians of Pakistan, Afghanistan & Bangladesh quite simple. Under this, the collector has right to investigate these people & give them citizenship: DS Gadhavi,Anand Collector (01.11) pic.twitter.com/nkh9cxY7s8
— ANI (@ANI) November 2, 2022
बता दें कि किसी वय: प्राप्त और पूर्ण सामर्थ्य के ऐसे व्यक्ति को, जो दूसरे देश का नागरिक है। किन्तु संविधान के प्रारंभ के समय या उसके पश्चात् किसी समय भारत का नागरिक था, या जो दूसरे देश का नागरिक है, किन्तु संविधान के प्रारंभ के समय भारत का नागरिक होने के लिए पात्र था।
इसी क्रम में गुजरात के दो जिलों मेहसाणा और आणंद के कलेक्टरों को नागरिकता देने का अधिकार दिया गया है। बता दें कि भारत का संविधान एकल नागरिकता प्रदान करता है। इसका मतलब है कि एक भारतीय व्यक्ति एक समय में केवल एक ही देश का नागरिक हो सकता है। यदि कोई व्यक्ति दूसरे देश की नागरिकता लेता है तो उसकी भारतीय नागरिकता अपने आप समाप्त हो जाती है। हालाँकि यह प्रावधान तब लागू नहीं होता जब भारत युद्ध में व्यस्त हो।