पाकिस्तान, बांग्लादेश जैसे इन देशों के हिंदुओं को भारतीय नागरिकता देने का अधिकार कलेक्टर को मिला

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    नई दिल्ली: MHA ने पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों के लिए नागरिकता प्राप्त करने की प्रक्रिया को काफी सरल बना दिया है। इसके तहत कलेक्टर (Collector) को इन लोगों की जांच करने और उन्हें नागरिकता (Citizenship) देने का अधिकार दिया गया है। सरकार के इस फैसले का स्वागत हो रहा है। वहीं इन देशों में रह रहे प्रवासी हिंदुओं को भारत की नागरिकता मिलने में आसानी होगी। 

    गुजरात (Gujarat) के आनंद जिले के  डीएस गढ़वी ने बताया कि हमें MHA ने पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों के लिए भारतीय नागरिकता देने का अधिकारी दिया गया है। इसे  प्राप्त करने की प्रक्रिया को काफी सरल बना दिया है। 

    बता दें कि किसी वय: प्राप्त और पूर्ण सामर्थ्य के ऐसे व्यक्ति को,  जो दूसरे देश का नागरिक है। किन्तु संविधान के प्रारंभ के समय या उसके पश्चात् किसी समय भारत का नागरिक था, या जो दूसरे देश का नागरिक है, किन्तु संविधान के प्रारंभ के समय भारत का नागरिक होने के लिए पात्र था। 

    इसी क्रम में  गुजरात के दो जिलों मेहसाणा और आणंद के कलेक्टरों को नागरिकता देने का अधिकार दिया गया है।  बता दें कि भारत का संविधान एकल नागरिकता प्रदान करता है। इसका मतलब है कि एक भारतीय व्यक्ति एक समय में केवल एक ही देश का नागरिक हो सकता है। यदि कोई व्यक्ति दूसरे देश की नागरिकता लेता है तो उसकी भारतीय नागरिकता अपने आप समाप्त हो जाती है। हालाँकि यह प्रावधान तब लागू नहीं होता जब भारत युद्ध में व्यस्त हो।