kalam

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    गाजियाबाद. जहाँ एक तरफ देश पूर्व दिवंगत राष्ट्रपति अब्दुल कलाम (Abdul Kalam) को एक आदर्श शिक्षाविद की तरह पूजता है। वहीँ अब दिल्‍ली-एनसीआर के प्रमुख शहर गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर के पुजारी ने इन्ही पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम पर भयंकर तंज कसा है। 

    क्या है है घटना:

    दरअसल मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक डासना देवी मंदिर के पुजारी नरसिंहानंद सरस्वती (Yati Narsinghanand Saraswati) ने अलीगढ़ में कुछ संवाददाताओं से कहा कि देश के शीर्षस्थ परिवारों में कोई भी मुसलमान भारत समर्थक नहीं हो सकता है और खुद राष्ट्रपति कलाम भी एक जिहादी (Jihadi) ही थे। इतना ही नहीं उन्होंने बगैर किसी सबूत के उन्होंने दिवंगत राष्ट्रपति कलाम पर DRDO प्रमुख के रूप में पाकिस्तान को परमाणु बम के फार्मूले की आपूर्ति करने का भी संगीन आरोप लगाया है। इस पुजारी ने यह भी दावा किया कि कलाम ने राष्ट्रपति भवन में खुद का एक सेल बनाया था, जहां कोई भी मुस्लिम अपनी शिकायत दर्ज करा सकता था।

    Video Courtsey: Yati Narsinghanand Saraswati

    गौरतलब है कि बता दें कि उक्त महंत गाजियाबाद के उसी मंदिर के महंत हैं, जहां कुछ दिन पहले कथित तौर पर एक मुस्लिम युवक के पानी पीने पर उसकी निर्ममता से पिटाई की गई थी। इस घटना के बाद शिरांगी नंद यादव नाम के आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया था। गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर इस घटना की हर ओर कड़ी निंदा हुई थी। इसके बाद अब मंदिर के महंत का इस प्रकार सनसनीखेज बयान आने से इसको लेकर फिर से सब तरफ अब चर्चा का दौर है। विदित हो कि भारत को परमाणु देश बनाने का सबसे ज्यादा श्रेय दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को ही दिया जाता है। राष्ट्रपति के तौर पर भी उनके कार्यकाल को एक बहुत ही सफल कार्यकाल के रूप में बताया जाता है। ऐसे में उनपर किसी मंदिर के पुजारी की इस प्रकार की गयी अभद्र टिप्पणी ने अब अनेकों सवाल खड़े कर दिए हैं।

    अब्दुल कलाम: एक प्रेरणादायक जीवन:

    आज पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइल मैन डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम भले ही हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनका प्रेरणादायक जीवन हमेशा हमारा मार्गदर्शन करती रहेंगी। विदित हो कि देश के 11वें राष्ट्रपति अब्दुल कलाम का निधन 27 जुलाई 2015 को शिलांग में लेक्चर देते वक्त दिल का दौरा पड़ने से हो गया था। अपने जीवन के कुछ वर्ष कलाम भले ही देश की सर्वोच्च संवैधानिक कुर्सी पर विराजमान रहे, लेकिन उन्होंने अपना पूरा जीवन अपनी सादगी से जीया, यही उनकी सबसे बड़ी खासियत थी। आपको बता दें पूर्व राष्‍ट्रपति हर वर्ग में समान रूप से सम्‍मानीय हैं। वे एक कुशल प्रशासक, अध्यापक और बेहतरीन व्यक्ति के रूप में हमेशा स्मरण किये जाते रहेंगे।