
नई दिल्ली. आदित्य L1 (Aditya L1) पर मिली बाई जानकारी के अनुसार, ISRO ने बताया कि, आज यानी मंगलवार 5 सितंबर को रात 2.45 बजे आदित्य L1 स्पेसक्रॉफ्ट की ‘ऑर्बिट’ अब दूसरी बार बढ़ा दी गई है। ऐसे में अब ये पृथ्वी की 282 किमी x 40225 किमी की कक्षा में पहुंच गया है। वहीं इस ऑपरेशन को मॉरीशस, बेंगलुरु और पोर्ट ब्लेयर में बने ISTRAC/ISRO के ग्राउंड स्टेशनों ने ट्रैक किया है।
वहीं ISRO ने इस बाबत सोशल मीडिया ‘X’ में किए एक पोस्ट में बताया कि आदित्य का दूसरा मेनुवर भी सफल रहा है। ऐसे में अब आदित्य स्पेसक्राफ्ट की फिलहाल पृथ्वी से सबसे कम दूरी 282 किमी और सबसे ज्यादा दूरी 40225 किमी है। इसके पहले बीते 3 सितंबर को लॉन्चिंग के 24 घंटे बाद पहली बार ऑर्बिट बढ़ाई गई थी। इसके साथ ही आदित्य L1 का अगला मेनुवर यानी ऑर्बिट बढ़ाने के लिए थ्रस्टर फायर 10 सितंबर को रात 2:30 बजे होगा।
Aditya-L1 Mission:
The second Earth-bound maneuvre (EBN#2) is performed successfully from ISTRAC, Bengaluru.ISTRAC/ISRO’s ground stations at Mauritius, Bengaluru and Port Blair tracked the satellite during this operation.
The new orbit attained is 282 km x 40225 km.
The next… pic.twitter.com/GFdqlbNmWg
— ISRO (@isro) September 4, 2023
जानकारी दें कि, इससे पहले बीते सोमवार को भी विक्रम लैंडर (Vikram Lander) की दोबारा सॉफ्ट लैंडिंग कराई गई थी। दरअसल जिस लोकेशेन पर पहले ये लैंडर मौजूद था, उससे 40 CM ऊपर उठकर ये कुछ दूरी पर अब दोबारा सॉफ्ट लैंड कराया गया है। इस बाबत ISRO का कहना था कि, भविष्य के मिशन के लिए इस तरह का प्रयोग करना जरूरी हो गया था।
बता दें कि, इससे पहले ISRO ने जानकारी दी थी कि, चंद्रयान-3 के विक्रम और प्रज्ञान बीते करीब 12 दिन से लगातार काम कर रहे थे और अब फिलहाल उन्हें स्लीप मोड में डाल दिया गया है। यानी एक तरह से मिशन चंद्रयान-3 अब खत्म हो गया है और दुनिया को चांद के दक्षिणी हिस्से से जितनी जानकारी मिलनी थी वह ISRO के पास हो गई है।