Sam Pitroda
सैम पित्रोदा (File Photo)

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नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने शनिवार को कहा कि कांग्रेस (Congress) ने एक बार फिर अपना ‘‘दलित-विरोधी” चेहरा उजागर किया है, और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के करीबी सहयोगी सैम पित्रोदा (Sam Pitroda) पर सुधींद्र कुलकर्णी के इस विचार का समर्थन करने का आरोप लगाया कि संविधान निर्माण में जवाहरलाल नेहरू का योगदान भीम राव आंबेडकर से अधिक था।

भाजपा नेताओं ने कांग्रेस नेता पित्रोदा के अब ‘एक्स’ से हटाये जा चुके पोस्ट का एक स्क्रीनशॉट साझा किया, जिसमें उन्होंने इस मुद्दे पर कुलकर्णी का आलेख साझा किया था। भाजपा नेताओं ने कांग्रेस नेतृत्व से पूछा कि क्या वे भी ऐसे ‘‘आंबेडकर-विरोधी” विचारों का समर्थन करते हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के पूर्व करीबी सहयोगी कुलकर्णी ने आलेख में कहा है कि आंबेडकर भारत के संविधान के निर्माता नहीं थे और इसके निर्माण में आंबेडकर की तुलना में नेहरू का योगदान कहीं अधिक था।

केंद्रीय मंत्रियों सहित भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि दलितों और आंबेडकर के प्रति कांग्रेस की ‘नफरत’ नयी नहीं है और विपक्षी दल अब भी ‘अपमानजनक’ आलेख का समर्थन कर उनकी विरासत को मिटाने की कोशिश कर रहा है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कांग्रेस में आंबेडकर विरोधी डीएनए है। कांग्रेस की दलित विरोधी सोच का सबूत एक बार फिर सामने आ गया है।”

पूनावाला ने दावा किया कि कांग्रेस शासन के दौरान दलितों और आदिवासियों को बहुत अत्याचारों का सामना करना पड़ा और उन्होंने कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे से पूछा, ‘‘अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के सदस्यों का और कितना अपमान किया जाएगा।” केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि पित्रोदा ने दावा किया है कि यह नेहरू थे जिन्होंने आंबेडकर की तुलना में संविधान के निर्माण में अधिक योगदान दिया था।

मेघवाल ने कहा, ‘‘हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं और कांग्रेस से पूछते हैं कि क्या वह उनकी टिप्पणी के साथ खड़ी है।” उन्होंने कहा, ‘‘पूरी दुनिया मानती है कि संविधान निर्माण में आंबेडकर की मुख्य भूमिका थी और उनके योगदान पर पित्रोदा की टिप्पणी बाबा साहेब का अपमान करने की कांग्रेस की मानसिकता का परिचायक है।”

मंत्री ने आरोप लगाया कि पित्रोदा राहुल गांधी की भाषा बोल रहे हैं क्योंकि कांग्रेस और उसके नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के तहत दलितों के कल्याण और उत्थान को हजम नहीं कर पा रहे हैं। भाजपा के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा, ‘‘भारत यात्री सुधींद्र कुलकर्णी ने बाबा साहेब आंबेडकर को अपमानित करने वाला एक आलेख लिखा है। राहुल गांधी के मार्गदर्शक सैम पित्रोदा ने इसका समर्थन किया। उन्हें डॉ. आंबेडकर का अपमान करने के लिए कांग्रेस द्वारा प्रायोजित किया गया है।”

उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस दलितों का तिरस्कार करती है। इसने हमेशा दलित नेताओं को हाशिए पर रखा है और दलितों को हेय दृष्टि से देखा है। कांग्रेस दलित विरोधी है।” मेघवाल ने कहा कि आंबेडकर संविधान का मसौदा तैयार करने के लिए गठित समिति के अध्यक्ष थे और जब संविधान सभा ने इसे अपनाया, तो मसौदा समिति के सदस्यों में से एक ने कहा था कि बाबा साहेब के कारण ही इतना बड़ा संविधान तैयार किया जा सका। केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा, ‘‘मैं कांग्रेस पार्टी को चेतावनी देता हूं कि वह फिर से बाबा साहेब आंबेडकर का अपमान करने से बचे।”

रीजीजू ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘कांग्रेस ने आंबेडकर जी से उस वक्त नफरत की और उनका अपमान किया, जब वे जीवित थे और उनके निधन के बाद भी ऐसा किया। राहुल गांधी के सलाहकारों को पता होना चाहिए कि आंबेडकर जी हमारे लिए एक नेता से भी बढ़कर हैं। भारत एक परिवार के राज से काफी आगे बढ़ चुका है।” पित्रोदा के पोस्ट का एक स्क्रीनशॉट साझा करते हुए मालवीय ने कहा, ‘‘कांग्रेस दलित विरोधी है।” पित्रोदा ने बाद में हटा दिये गये अपने पोस्ट में कहा, ‘‘संविधान और इसकी प्रस्तावना में किसने अधिक योगदान दिया? नेहरू ने, आंबेडकर ने नहीं।”

कुलकर्णी ने अपने पोस्ट में यह भी कहा था, ‘‘संविधान और इसकी प्रस्तावना में किसने अधिक योगदान दिया? नेहरू ने, आंबेडकर ने नहीं।” बाद में, पीटीआई-भाषा से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘आमतौर पर यह माना जाता है कि आंबेडकर भारतीय संविधान के जनक थे। लेकिन, अगर आप इतिहास के तथ्यों की जांच करेंगे तो यह सच्चाई से बहुत दूर है। अब एक अध्ययन से पता चला है कि हमारे प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का योगदान डॉ. आंबेडकर से कहीं अधिक था। वास्तव में, आंबेडकर ने स्वयं कहा था कि यह उनका संविधान नहीं है।”

(एजेंसी)