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    देहरादून: गुजरात में मोरबी पुल हादसे (Morbi Bridge Accident) के बाद से ही देश में पुल हादसे को लेकर सतर्कता बरती जा रही है। उत्तराखंड सरकार (Uttarakhand Government) ने पुलों को लेकर ऑडिट (Audit) करने का फैसला लिया था। मोरबी पुल हादसे के बाद इस ऑडिट को जल्दी शुरू कर दिया गया था। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) के निर्देश पर राज्य के पांच जोन में कराए गए सेफ्टी ऑडिट में अभी तक 36 पुल यातायात के लिए असुरक्षित पाए गए हैं। लोक निर्माण विभाग (PWD) ने राज्य के 3262 में से 2618 पुलों की सेफ्टी ऑडिट रिपोर्ट सरकार को सौंपी है। अभी तक 36 पुल असुरक्षित पाए गए हैं। 

    समाचार एजेंसी ANI के अनुसार PWD विभाग के प्रधान सचिव आरके सुधांशु ने बताया कि सरकार को सेफ्टी ऑडिट रिपोर्ट मिल गई है। उन्होंने कहा कि सभी जिलाधिकारियों को इस समस्या से निजात पाने के लिए निर्देश दिए गए हैं। सरकार की ओर से ब्रिज बैंक स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं। अधिकारियों को तीन सप्ताह के भीतर ऑडिट रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया गया था। 

    सरकार पुराने और जर्जर पुलों को नए के साथ बदलने की योजना बना रही थी। यह सुरक्षा ऑडिट PWD द्वारा मोरबी सस्पेंशन ब्रिज के ढहने के मद्देनजर 3 नवंबर को जारी सीएम के निर्देशों पर किया गया था। अब इसकी एक रिपोर्ट सौंप दी गई है।  

    रिपोर्ट के अनुसार पौड़ी जोन में टिहरी में आठ, चमोली में एक और पौड़ी में 16 पुल असुरक्षित पाए गए हैं। अल्मोड़ा जोन में पिथौरागढ़ में एक पुल, हल्द्वानी जोन में यूएसनगर में पांच पुल असुरक्षित पाए गए हैं। देहरादून जोन में देहरादून में एक और हरिद्वार में तीन पुल असुरक्षित पाए गए हैं। गौरतलब है कि 30 अक्टूबर को गुजरात के मोरबी में केबल ब्रिज गिरने से कम से कम 135 लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक घायल हो गए थे।