
नई दिल्ली. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने मंगलवार को चंद्रमा पर विक्रम लैंडर की एक आश्चर्यजनक 3D तस्वीर साझा की, जिसे प्रज्ञान रोवर के नेविगेशन कैमरे द्वारा कैप्चर किया गया है। कैमरे ने बाएँ और दाएँ दोनों दिशाओं में विक्रम की तस्वीरें कैद कीं। इसरो ने एनाग्लिफ़ तकनीक का उपयोग करके ये तस्वीर बनाई है। इसे NavCam स्टीरियो इमेज कहा जाता है।
ISRO ने तस्वीर साझा करते हुए कहा, “एनाग्लिफ़ स्टीरियो या मल्टी-व्यू तस्वीरों से तीन आयामों में वस्तु या इलाके का एक सरल दृश्य है। यहां प्रस्तुत एनाग्लिफ़ NavCam स्टीरियो तस्वीर का उपयोग करके बनाया गया है, जिसमें प्रज्ञान रोवर पर ली गई बायीं और दायीं दोनों तस्वीर शामिल है।”
ISRO ने कहा, “इस 3-चैनल तस्वीर में, बाईं तस्वीर लाल चैनल में स्थित है, जबकि दाहिनी तस्वीर नीले और हरे चैनल (सियान बनाते हुए) में रखी गई है। इन दोनों तस्वीरों के बीच परिप्रेक्ष्य में अंतर के परिणामस्वरूप स्टीरियो प्रभाव होता है, जो तीन आयामों का दृश्य प्रभाव देता है। 3D में देखने के लिए लाल और सियान चश्मे की अनुशंसा की जाती है। NavCam को LEOS/ISRO द्वारा विकसित किया गया था। डेटा प्रोसेसिंग एसएसी/इसरो द्वारा किया जाता है।”
Chandrayaan-3 Mission | ISRO tweets, “Anaglyph is a simple visualization of the object or terrain in three dimensions from stereo or multi-view images. The Anaglyph presented here is created using NavCam Stereo Images, which consist of both a left and right image captured onboard… pic.twitter.com/AceTCbAdR5
— ANI (@ANI) September 5, 2023
गौरतलब है कि चंद्रयान-3 के विक्रम और प्रज्ञान बीते करीब 12 दिन से लगातार काम कर रहे थे। फिलहाल उन्हें स्लीप मोड में डाल दिया गया है। यानी एक तरह से मिशन चंद्रयान-3 अब खत्म हो गया है और दुनिया को चांद के दक्षिणी हिस्से से जितनी जानकारी मिलनी थी वह ISRO के पास हो गई है।
इस बाबत ISRO ने जानकारी दी थी कि, प्रज्ञान रोवर के सभी असाइनमेंट पूरे हो गए हैं। अब उसे एक सुरक्षित जगह पर पार्क कर दिया गया है और स्लीप मोड में भी डाल दिया गया है। इस पर लगे APXS और LIBS पेलोड को भी फिलहाल बंद कर दिया गया है। इन दोनों पेलोड में जो डाटा था, उन्हें विक्रम लैंडर के जरिए पृथ्वी पर सुरक्षित भेज दिया गया है।
ISRO ने यह भी बताया था कि, अभी विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर की बैटरी पूरी तरह से चार्ज है। वहीं चांद पर अगला सूर्योदय 22 सितंबर 2023 को होगा, ऐसे में तब सोलर पैनल को सूरज की किरणें मिलेंगी। इसका रिसीवर ऑन रखा है, उम्मीद है कि ये फिर से उठ पाएगा और नए काम कर पाएगा। अन्यथा, ये चांद के इस हिस्से पर हमेशा भारत का प्रतिनिधित्व तो जरुर करता रहेगा।