खरमास
खरमास

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सीमा कुमारी

नवभारत डिजिटल टिम: हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को बहुत ही पवित्र और पूजनीय माना गया है। इसलिए, लगभग हर हिंदू घर में विशेष रूप से तुलसी का पौधा विशेष रूप से पाया जाता है। साथ ही, इसकी सुबह- शाम पूजा भी की जाती है। लेकिन, ‘खरमास’ (Kharmas 2023) महीने की बात करें तो इस महीने सभी शुभ कार्य पर रोक लग जाती है। जैसे- शादी, नए घर का गृह प्रवेश या फिर कोई भी शुभ कार्य आदि। सनातन धर्म में कोई भी शुभ कार्य खरमास के महीने में नहीं की जाती है। दरअसल, इस महीने में इन शुभ कार्य को करना अशुभ कारी माना जाता है।  

लेकिन, इस महीने तुलसी की पूजा करने से घर में सकारात्मकता तो बरकरार रहती ही है, साथ ही, सुख और समृद्धि का वास बना रहता है। इसलिए, भी हिंदू घर के हर आंगन में तुलसी का पौधा जरूर देखा एवं पूजा जाता है। तुलसी को केवल घर में रखना ही नहीं बल्कि उसके सही तरीके से पूजा करने के कुछ खास नियम होते हैं। आइए जानें, ‘खरमास’ में तुलसी की पूजा के नियम।

शास्त्रों की मानें तो, खरमास महीने में तुलसी की पूजा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न रहते हैं। इससे ग्रहों के अशुभ प्रभाव कम होते हैं साथ ही घर में खुशहाली आती है। खरमास महीने में तुलसी की रोज पूजा करें पर इन नियमों को ध्यान में जरूर रखें। जैसे- इस महीने में तुलसी की पूजा जरूर करें पर कभी उसे स्पर्श न करें। दरअसल, ऐसा करने से तुलसी का पौधा दूषित माना जाता है। इसलिए खरमास महीने में तुलसी की पूजा जरूर करें पर कभी भी इन्हें हाथ ना लगाएं और पत्ते तोड़ने की गलती ना करें। वरना, दुषपरिणाम झेलना पड़ सकता है।

ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, सूर्य देव एक राशि में 30 दिनों तक गोचर करते हैं। खरमास की शुरुआत तब मानी जाती है जब सूर्य देव गुरु बृहस्पति की राशि अर्थात धनु या मीन राशि में प्रवेश करते हैं। इस दौरान सूर्य का तेज पृथ्वी तक बहुत कम पहुचता है, जिस कारण इस समय को शुभ नहीं माना जाता।

खरमास में तुलसी पूजा के दौरान इस बात का ध्यान रखें कि तुलसी के पत्तों को स्पर्श न करें। माना जाता है कि ऐसा करने से तुलसी का पौधा दूषित हो जाता है। इसके साथ ही खरमास में तुलसी के पत्तों को तोड़ना भी नहीं चाहिए। इसके साथ ही एकादशी, रविवार और मंगलवार के दिन तुलसी में जल देने से बचना चाहिए और इसके पत्ते भी नहीं तोड़ने चाहिए।