इकोनॉमी को संजीवनी देने का प्रयास, पीड़तों तक पहुंचे वित्तमंत्री की घोषणा

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    कोरोना संकट की वजह से कराहती अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने के लिहाज से केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने 1.50 लाख करोड़ का बूस्टर डोज देते हुए 8 बड़ी घोषणाएं की हैं जो यदि लागू हो जाती हैं तो उनसे जमीनी स्तर पर काफी राहत मिल सकती है. इसमें छोटे कारोबारियों, यात्रा-पर्यटन, स्वास्थ्य क्षेत्र के अलावा किसानों व गरीबों का ध्यान रखा गया है.

    महामारी के दौरान इन सभी पर अत्यंत विपरीत प्रभाव पड़ा है. अब क्रेडिट गारंटी के तहत छोटे कारोबारी माइक्रो फाइनांस इंस्टीट्यूशन से 1.25 लाख रुपए तक का कर्ज ले सकेंगे. इस लोन की अवधि 3 वर्ष रहेगी जिस पर सरकार गारंटी देगी. इससे 25 लाख लोग लाभान्वित होंगे. हेल्थ सेक्टर के लिए 50,000 करोड़ रुपए का प्रावधान है. इसमें 100 करोड़ तक का कर्ज 7.95 फीसदी ब्याज पर दिया जाएगा. अन्य सेक्टर के लिए भी ब्याज दर 8.25 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होगी. कोरोना से चौपट हो चुके पर्यटन क्षेत्र को संजीवनी देने के लिए लाइसेंसधारी टूरिस्ट गाइड को 1 लाख रुपए व टूरिस्ट एजेंसी को 10 लाख रुपए लोन दिया जाएगा.

    सरकार 5 लाख विदेशी टूरिस्ट वीजा मुफ्त जारी करेगी. यह योजना 31 मार्च 2022 तक लागू रहेगी. किसान आंदोलन को देखते हुए कृषि क्षेत्र पर भी वित्त मंत्री ने ध्यान दिया है. किसानों को 14,775 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी गई है जिसमें से 9125 करोड़ रुपए की सब्सिडी केवल डीएपी उर्वरक के लिए है.

    रबी सीजन 2020-21 में 432.48 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई है तथा अब तक किसानों को 85,413 करोड़ रुपए सीधे दिए गए हैं. वैसे कृषि से संबंधित सब्सिडी व प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना पुरानी योजनाएं हैं, जनका विस्तार किया गया है. दिवाली तक देश के 80 करोड़ गरीबों को मुफ्त अनाज मिलता रहेगा. आत्मनिर्भर भारत योजना की समयावधि 31 मार्च 2022 तक बढ़ा दी गई है. इसमें सरकार 15,000 से कम वेतन वाले कर्मचारियों के पीएफ का भुगतान करती है.