सहयोगी पार्टियों को समझ आई NDA में BJP ही बड़ा भाई

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पड़ोसी ने हमसे कहा, “निशानेबाज,  केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने एकनाथ शिंदे  (Eknath Shinde) और अजित पवार (Ajit Pawar) को ठीक से समझा दिया कि बीजेपी (BJP) ही बड़ा भाई या बिग ब्रदर है।  वह जितनी सीट दे, उतनी ही लेना पड़ेगा इसलिए कोई चूं-चपड़ मत करो।  जितना दे रहे हैं उतने में तसल्ली करो। ” 

हमने कहा, “चुनाव के समय क्षेत्रीय पार्टियों को बड़ी पार्टी के सामने झुकना ही पड़ता है।  बीजेपी ने एकनाथ शिंदे को सीएम और अजीत पवार को डिप्टी सीएम बनाते समय बड़ी नजदीकी दिखाई थी लेकिन अब सख्ती भी दिखा रही है।  ये दोनों नेता कह सकते हैं- हाय-हाय ये मजबूरी, ये मौसम और ये दूरी!” 

पड़ोसी ने कहा, “निशानेबाज, वक्त का बदलाव देखिए।  अटलबिहारी वाजपेयी के पीएम रहते बीजेपी को एनडीए की सहयोगी पार्टियों के सामने झुकना और दबना पड़ता था।  तब बीजेपी ने अपना एजेंडा ठंडे बस्ते में डाल दिया था।  लेकिन आज एनडीए में वही होता है जो मोदी-शाह को मंजूर होता है।  बीजेपी अपने टर्म डिक्टेट करती है।  वह जितना पानी पिलाती है, उतना सहयोगी दलों को पीना पड़ता है।  एनडीए की सहयोगी पार्टियां अपनी मजबूर हालत में कहती हैं- वक्त ने किया क्या हसीं सितम, हम रहे ना हम, तुम रहे ना तुम ! डिप्टी सीएम होते हुए भी देवेंद्र फडणवीस हर हालत में मुख्यमंत्री शिंदे और उपमुख्यमंत्री अजित  पर भारी हैं।  यही राजनीति की रियलिटी है। ” 

हमने कहा, “कोई नायब तहसीलदार इच्छा होने पर भी जल्दी से प्रमोशन पाकर तहसीलदार नहीं बन पाता लेकिन बीजेपी का कमाल देखिए, जिसने हरियाणा में खट्टर के दांत खट्टे करके वहां नायब सिंह सैनी को सीएम बना दिया।  किसी नायब को किस तरह नायाब पहल कर किसी सूबे का नया नवाब बनाया जाए, यह हुनर बीजेपी को भलीभांति आता है।  कोई माल नहीं बिकता है तो उसकी पैकिंग और ब्रांड बदल दो! मोदी ने एक झटके में अपने पुराने दोस्त खट्टर को हटा दिया। ” 

पड़ोसी ने कहा, “निशानेबाज, बीजेपी के रणनीतिकार वक्त पर कुछ ऐसा करते हैं कि एक खबर दब जाती है और नई खबर सामने आ जाती है।  जब चुनावी बॉन्ड को लेकर किरकिरी हो रही थी, तभी एक झटके में केंद्र सरकार ने सीएए लागू कर लोगों का ध्यान भटका दिया।  फिर हरियाणा में अपनी ही सरकार बदल दी।  इसे कहते हैं हेडलाइन मैनेजमेंट ! पुरानी सुर्खियां हटाओ और नई चिपकाओ।  सीएए के जरिए हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण होगा जिसका सीधा फायदा चुनाव में बीजेपी को मिलेगा।  पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से आए लाखों गैर मुस्लिम शरणार्थी बीजेपी का नया वोटबैंक बन जाएंगे।  इस तरह की सूझबूझ को देखते हुए आप बीजेपी को ‘बड़ी जानदार पार्टी’ भी कह सकते हैं। ”