nishanebaaz-What kind of way of drivers, dragged the woman from their car

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    पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, पहले तो गाड़ियां किसी व्यक्ति को ठोक देती थीं लेकिन अब वाहन चालक अपने शिकार को बड़ी बेदर्दी से कई मीटर तक घसीटते हैं. ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं. अंजलि कांड के बाद महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल के साथ भी घसीटे जाने की वारदात हुई. ऐसे मामले चिंताजनक हैं.’’

    हमने कहा, ‘‘घसीटे जाने का सिलसिला पुराना है. कुछ लोग व्यर्थ ही किसी को मामले-मुकदमे में घसीटते हैं. कोर्ट में केस दायर कर बुरी तरह फंसा देते हैं. अदालत में तारीख पे तारीख मिलती चली जाती है और मामला वर्षो घिसटता चला जाता है. कुछ दीवानी या सिविल केस तो पीढि़यों तक घिसटते रहते हैं जज भी कर्सिव राइटिंग या घसीटी लिपि में अपना जजमेंट लिखते हैं. अपील, वकील, दलील के चक्कर में उनका निपटारा ही नहीं हो पाता. देश की अदालतों में 5 करोड़ मामले पेंडिंग हैं.’’

    पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, हम आपसे स्वाति मालीवाल के घसीटे जाने की बात कह रहे हैं. छेड़छाड़ के आरोपी कार ड्राइवर ने शीशा बंद किया तो स्वाति का हाथ उसमें फंस गया और उस आदमी ने गाड़ी भगा दी. ऐसी हालत में वह घिसटती चली गईं. यह घटना रात 3 बजे के बाद हुई जब स्वाति मालीवाल अकेली महिला को शिकार बनाने की नीयत से घूमने वाले दरिंदों का स्टिंग आपरेशन करने गई थीं. बदमाशों को एक्सपोज करने का उनका मिसएडवेंचर खतरनाक साबित हुआ लेकिन इससे हकीकत सामने आ गई कि दिल्ली रात में कितनी अनसेफ है.’’

    हमने कहा, ‘‘दिल्ली तो दिलवालों की है लेकिन वहां हरियाणा, राजस्थान, यूपी जैसे पड़ोसी राज्यों से हर प्रकार के लोग आ जाते हैं. कौन सज्जन है और कौन दुर्जन, पता ही नहीं चलता. अमिताभ बच्चन की ‘शहंशाह’ नामक एक फिल्म आई थी जिसमें वह दिन में पान चबानेवाले इंस्पेक्टर रहते हैं और रात में शहंशाह का वेष लेकर सुनसान सड़कों पर बदमाशों को सबक सिखाने निकल पड़ते हैं. फिलहाल घसीटने को लेकर बात हो रही है तो आपको बता दें कि कितने ही स्टुडेंट ऐसे होते हैं जिनका पढ़ाई में मन नहीं लगता. वे कई बार परीक्षा में फेल होने के बाद घिसट-घिसट कर पास होते हैं. कुछ निकम्मे नेताओं की सरकारें व योजनाएं भी घिसट-घिसट कर चलती रहती हैं. जिस आदमी का नाम घसीटाराम रहता है, वह कभी भी घसीटा जा सकता है.’’